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________________ हमारे वन एक महान राष्ट्रीय धरोहर हैं जिनकी सुरक्षा उनके उपयोग और लाभ को ध्यान में रखकर करनी चाहिये। हमारे वनों में पैदा होने वाले विभिन्न पदार्थ सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं। -जवाहर लाल नेहरू अधिक से अधिक वृक्ष लगाइये वन विभाग, उत्तर प्रदेश जह ते ण पियं दुक्खं, तहेव तेसिपि जाण जीवाणं । (जैसे तुमको दुःख प्रिय नहीं है, वैसे ही अन्य जीवों के विषय में भी समझो) -भगवान महावीर 'जो मनुष्य मानवता, धर्म श्रवण, श्रद्धा और संयम में पराक्रम को दुर्लभ जानकर संयम को धारण करता है वह शाश्वत सिद्ध होता है।' __ -भगवान महावीर भगवान महावीर के २५००वें निर्वाण महोत्सव पर हमारी शुभ कामनाएं ! श्रद्धावनत दि किशान फ्लोर मिल्स रेलवे रोड, मेरठ जैन सेवा समिति लाठ भवन स्टेशन रोड, सीतापुर मन्त्री निर्मल कुमार जैन सुमेर चन्द्र जैन | उच्च कोटि के मैदा, सूजी, आटा और चोकर के निर्माता अध्यक्ष स्थापित १९२१ दूरभाष :-७२९६१ ७५६५० ट्रेड मार्क :- सांड Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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