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(३) श्री वर्णी जैन विद्यालय के भवन का आंशिक निर्माण रु० ४०,०००/- की लागत से किया गया। (४) मसूरी में श्री दि० जैन महावीर भवन का निर्माण किया गया तथा उसके अन्तर्गत एक वाचनालय की स्थापना की गई।
(५) दि० १७ नवम्बर १९७४ को देहरादून नगर में एक सर्व धर्म सम्मेलन आयोजित किया गया । (६) दि० १ जून १९७५ को राज्य समिति के आर्थिक सहयोग से मसूरी में माननीय डा० रामजी लाल सहायक उच्च शिक्षा मन्त्री, उत्तर प्रदेश की अध्यक्षता में एक शाकाहार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
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बहराइच
अध्यक्ष - श्री रवि मोहन सेठी, जिला अधिकारी
(१) एक दातव्य होम्योपैथिक चिकित्सालय की स्थापना की गई जिसमें १२५ रोगी प्रतिदिन लाभ उठा
रहे हैं।
(२) गरीबों को १०० कम्बल वितरित किए गए ।
(२) भगवान महावीर के शिक्षा पट्ट जनपद में स्थान-स्थान पर लगवाए गए।
(४) २४- २९ दिसम्बर १९७४ को श्रावस्ती में भ० संभवनाथ की जन्म जयन्ती मनाई गई ।
(५) १९ जुलाई १९७४ को श्रावस्ती में तथा २० जुलाई
शोभायात्राएँ निकाली गईं ।
मिर्जापुर
अध्यक्ष - श्री रवि माथुर, आइ. ए. एस., जिला अधिकारी निम्नलिखित संस्थाओं की स्थापना की गई
अध्यक्ष - श्री कर्नैल सिंह, जिला अधिकारी
(१) २४ अप्रैल १९७५ को हिडालकों रेणुकूट में महावीर जयन्ती के अवसर पर एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता अन्तर्राष्ट्रीय मानव कल्याण संस्थान के अध्यक्ष डा० सत्येन्द्र नाथ ने की। समारोह में बोलते हुए हिंडालको के अध्यक्ष श्री एस० एस० कोठारी ने कहा कि शान्ति एवं सद्भाव की स्थापना के लिए भ० महावीर के उपदेशों को अमल में लाया जाना ही उनकी वास्तविक उपयोगिता एवं भगवान महावीर के प्रति सही श्रद्धाभिव्यक्ति है । डा० सत्येन्द्र नाथ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि अहिंसा केवल जीवों को न मारने तक सीमित नहीं है बल्कि जीवन की समस्त क्रिया प्रतिक्रिया में उसका स्थान है। इसीलिए महावीर ने आचरण, विचार और चिन्तन में अहिंसा को अनिवार्य माना है। वर्तमान अशान्ति एवं अहिंसा पूर्ण वातावरण में भ० महावीर की शिक्षाएँ हमारा मार्ग-दर्शन करती हैं।
ललितपुर
ख ७
दिया गया ।
(१) श्री वर्णी वाणिज्य महाविद्यालय- इसकी स्थापना के लिए समाज द्वारा रु० १,२०,००० का दान
१९७५ को बहराइच में धर्मचक्र की भव्य
(२) श्री महावीर बाल विद्यामन्दिर- इसमें तीन वर्ष से पांच वर्ष तक के छात्रों को प्रवेश दिया जाता है। धार्मिक शिक्षा अनिवार्य है।
दान दिया।
(३) श्री महावीर वाचनालय
(४) श्री महावीर नेत्र चिकित्सालय समाज ने इसकी स्थापना के लिए रु० १०,००० तथा भवन का
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