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________________ [ १३ एवं अन्य समाज सेवा के कार्य जैन समाज के अन्तर्गत किये जा सकें। यह भी विचार व्यक्त किया गया कि निधि की समुचित उपयोगिता तभी हो सकेगी जब कि वह कम से कम एक करोड़ रुपये की हो जाय जिससे कि वार्षिक आय दस लाख रुपये की हो सके। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि प्रस्तावित निधि की स्थापना की सम्भावनाओं की जांच करने के लिए प्रत्येक जिले से जानकारी प्राप्त कर ली जाय कि निधि की स्थापना के प्रारम्भिक चरण में विभिन्न क्षेत्रों से इस प्रयोजन के लिए कितनी धनराशि इकट्ठा हो सकती है। निधि की स्थापना का प्रारम्भिक व्यय राज्य समिति के द्वारा कर दिया जायगा । उपरोक्त जानकारी प्राप्त की जा रही है और आशा है कि निधि की स्थापना शीघ्र कर दी जायगी। १३-समिति की उपलब्धियां समिति की संस्तुति पर राज्य सरकार ने भगवान महावीर के २५००वें निर्वाण महोत्सव वर्ष में शिकार बन्दी के आदेश प्रसारित किये तथा तीन मास से अधिक दंड के बन्दियों को १५ दिन का विशेष परिहार प्रदान किया। महावीर जयन्ती तथा महावीर निर्वाण दिवस पर पशुवध-शालायें तथा शराब की दुकानें बन्द रखे जाने के आदेश प्रसारित किए। समिति की संस्तुति पर राज्य सरकार ने भारत सरकार को एक अत्यन्त आग्रहपूर्ण पत्र दिनांक १६-१०-७४ को लिखा था कि अहिंसा धर्म के महान प्रणेता भगवान महावीर स्वामी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए यह उचित होगा कि जिन मामलों में विभिन्न न्यायालयों द्वारा १३ नवम्बर १९७४ या उसके बाद मृत्युदंड दिया जाय, उन सभी में केवल बहुत ही विशेष परिस्थितियों को छोड़कर, मृत्युदंड को आजीवन कारावास में बदल दिया जाय । भारत सरकार ने इस संस्तुति को स्वीकार करके देश भर में १३ दिसम्बर १९७४ या उससे पूर्व मृत्युदण्ड के बंदियों का दण्ड आजीवन कारावास में परिणित किये जाने के आदेश प्रसारित कर दिए हैं। समिति का प्रयास है कि भारत सरकार ऐसे आदेश दीपावली १९७५ तक के लिए भी जारी कर दे। समिति की संस्तुति पर राज्य सरकार ने भगवान महावीर की पावन स्मृति में महावीर स्मृति केन्द्रों के भवन आदि के निर्माण के लिए बरेली तथा हरिद्वार में नि:शुल्क भूमि उपलब्ध कर दी है। रायबरेली में भी इस प्रयोजन के लिए भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव राज्य सरकार के सक्रिय विचाराधीन है। लखनऊ, बाराबंकी एवं अन्य स्थानों में भी भूमि प्राप्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं। १४-तीर्थ स्थानों एवं प्राचीन सांस्कृतिक स्थलों का विकास (१) राज्य समिति ने इसका प्रयास किया है कि विभिन्न तीर्थ क्षेत्रों के पहुंच मार्ग जो कच्चे पड़े हुए हैं उन्हें पक्का करा दिया जाय । परिणामस्वरूप शासन के सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा कुछ मार्ग पक्के करा दिए गए हैं तथा शेष के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। (२) राज्य समिति की संस्तुति पर राज्य सरकार ने अहिच्छत्र पार्श्वनाथ, जिला बरेली, में पेय जल की सुविधा उपलब्ध किए जाने हेतु एक राजकीय नलकूप स्वीकृत कर दिया है। (३) राज्य समिति की संस्तुति पर भारत सरकार ने रेवती बहोड़ा स्टेशन का नाम 'अहिच्छन्न-पार्श्वनाथ' में परिवर्तित करना स्वीकार कर लिया है। (४) राज्य समिति श्रावस्ती में भगवान संभवनाथ के प्राचीन मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिए पुरातत्व विभाग भारत सरकार की अनुमति एवं सहयोग प्राप्त करने का प्रयत्न कर रही है और आशा है कि इसमें सफलता मिल जावेगी। (५) राज्य समिति इसका भी प्रयास कर रही है कि देवगढ़ क्षेत्र जिला ललितपुर में जिन मूर्तियों के तस्करों ने सर काट दिए थे उनकी वैज्ञानिक ढंग से पुरातत्व विभाग के सहयोग से मरम्मत करा दी जाय । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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