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कार्य-(१) स्थानीय समितियों का संगठन कराना, उनमें स्थानीय अधिकारियों का सहयोग प्राप्त करना तथा राज्य समिति के सामान्य निर्देशन के अन्तर्गत महोत्सव के विभिन्न कार्यक्रमों को सम्पन्न कराना।
(२) निर्वाण समारोह के मनाये जाने हेतु शासन के विभिन्न विभागों से सम्पर्क स्थापित करना एवं उनका सहयोग प्राप्त करना।
(३) केन्द्रीय समिति के सहयोग से उन सभी कार्य-क्रमों का सम्पादन करना जिनको कि समय-समय पर निर्धारित किया जाय।
(४) निर्वाण समारोह समुचित रूप से मनाये जाने के लिये जनता एवं शासन से हर सम्भव सहयोग प्राप्त करना।
(५) समिति द्वारा पारित विभिन्न प्रस्तावों को कार्यान्वित करना। (ख) ऐसे कार्यक्रम जिनमें प्रत्यक्ष अथवा पृथक रूप से कोई वित्तीय भार निहित नहीं हैं
(१) दीपावली की छुट्टी “दीपावली, श्री महावीर निर्वाण दिवस' के नाम से प्रख्यापित की जाय ।
(२) भगवान महावीर के जन्मदिवस (चैत्र शुक्ला त्रयोदशी) तथा निर्वाण दिवस-दीपावली (कार्तिक कृष्णा अमावस्या) के शुभ दिनों पर बूचड़खाने तथा मांस मदिरा की दूकानें बंद रखी जाय ।
(३) शासन से अनुरोध किया जाय कि निर्वाण जयन्ती वर्ष में ऐसे लम्बे सजायाफ्ता कैदियों को जिन्होंने ७ वर्ष का कारावास पूरा कर लिया हो तथा जिनके आचरण उत्तम रहे हों, छोड़ दिया जाय ।
(४) भगवान महावीर की करुणा एवं अहिंसा सम्पूर्ण प्राणि जगत के लिये थी, अतः शासन से अनुरोध किया जाय कि प्रदेश में एक पशुबिहार (सैक्चुयरी), विशेषकर किसी तीर्थ स्थल पर, जैसे कि हस्तिनापुर में, भगवान महावीर के नाम से स्थापित किया जाय जिसमें पशुओं के शिकार का पूर्णतया निषेध हो ।
(५) शासन से संस्तुति की जाय कि निर्वाण वर्ष में जो नये राजकीय चिकित्सालय एवं अन्य सार्वजनिक हित की संस्थाएं स्थापित की जाँय, उनके स्थापनापट पर यह अंकित कर दिया जाय कि वे भगवान के २५०० वें निर्वाण वर्ष में स्थापित किये गये। इन चिकित्सालयों में समिति की ओर से भगवान महावीर की शिक्षा सूचक शिलापट्ट भी लगाए जांय ।
(६) भगवान महाबीर प्रथम महान संत थे जिन्होंने जाति-पांति के भेद-भाव का घोर विरोध किया तथा उद्घोष किया कि सब मनुष्य समान हैं और जन्म से कोई ऊँचा-नीचा नहीं होता। अतः शासन से संस्तुति की जाय कि किसी उपयुक्त हरिजन कल्याण, समाज कल्याण की योजना के साथ जो वर्ष १९७४-७५ में प्रारम्भ की जाय भगवान महाबीर का नाम संबद्ध कर दिया जाय ।
(७) निम्नलिखित प्राचीन जैन सांस्कृतिक एवं कला केन्द्रों तक मार्गों तथा पुलों का निर्माण एवं पेय जल व्यवस्था सार्बजनिक निर्माण विभाग द्वारा कराया जाय तथा केश प्रोग्राम में मुख्तलिफ जिलों में जो सड़कें बन रही हैं उसमें इन मार्गों के निर्माण कार्य को भी सम्मिलित करा दिया जाय :--
(क) श्री कम्पिला जी,
जिला फर्रुखाबाद, १३वें तीर्थकर भगवान विमलनाथ की जन्म एवं तपो भूमि
(१) धर्मशाला कम्पिला जी से पुलिस स्टेशन कम्पिला
जी तक ०.५ कि०मी सड़क का निर्माण (२) १९ कि०मी० दूर कासगंज से कम्पिला जी को
मिलाने के लिये सड़कों का निर्माण (३) यात्रियों तथा पर्यटकों के लिये पेय जल की
व्यवस्था के लिये एक टयूबवैल का निर्माण
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