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३९. , बुधमल सुराणा, फर्म विजयसिंह चन्दरमल, बेलनगंज, आगरा ४०., केशरीचन्द सिंघी, फर्म श्री तिलोकचन्द प्रसन्न कुमार, सादाबादगेट, हाथरस ४१. , बी० एल० सेठिया, मैनपुरी आइस एण्ड कोल्ड स्टोरेज, स्टेशन रोड, मैनपुरी ४२. , विजय सिंह बोकड़िया, फर्म रतनचन्द, रूपचन्द, धनकुट्टी, कानपुर ४३. , भंवर लाल सेठिया, श्याम भवन, ५९।३१ बिरहाना रोड, कानपुर ४४. ,, मांगीलाल बगानी, जैन मिनीएचर बल्ब फैक्टरी, पोखरपुर, कानपूर ४५. ,, संतोकचन्द सेठिया, प्रकाश ट्रेडिंग कं०, बागला बिल्डिंग, नयागंज, कानपुर ४६. , कल्याण दास जैन, भूतपूर्व नगरप्रमुख, लोहामंडी, आगरा (स्वर्गवास हो गया) ४७. , पवन कुमार जैन, ४६।७३, छप्पर मुहाल, कानपुर ४८. डा. मोहन लाल मेहता, अध्यक्ष श्री पार्श्वनाथ विद्याश्रम शोध संस्थान, हिन्दू यूनिवर्सिटी, वाराणसी ४९. श्री जवाहर लाल लोढ़ा, सम्पादक, 'श्वेताम्बर जैन', मोती कटरा, आगरा ५०. ,, विजय चन्द भंडारी, ३३/५७ चौक, कानपुर । ५१. , सी० रमनलाल गुजराती, रमनलाल एण्ड कं०, ५५/३२, जनरल गंज, कानपुर ५२., जे० पी० जैन, सी०१/६, रिवर बैंक कालोनी, लखनऊ ५३. , सुमेर चन्द जैन पाटनी, डालीगंज, लखनऊ ५४. , एम० पी० जैन. रिवर बैंक कालोनी, लखनऊ ५५. , रोशनलाल जैन, जैन नगर, मेरठ ५६. डा० उमेदमल मुनोत, सआदत गंज, लखनऊ ५७. श्री पल्टूमल जैन, पो० कांधला, जिला मुजफ्फरनगर ५८., चन्द्रकांत भाई, फर्म प्रेमचन्द्र सांकलचन्द्र, चौक, वाराणसी ५९. प्रो० मोतीचन्द्र जैन, नमक मंडी, आगरा-३ ६०. डा० रिखब चन्द जैन, सुरंगी टोला, चौक, लखनऊ
समिति के प्रथम सचिव श्री पृथ्वीनाथ चतुर्वेदी, आयुक्त एवं सचिव, शिक्षा विभाग थे। उनके स्थानान्तरित हो जाने के उपरान्त कुछ समय तक श्री पी० एन० कौल, आयुक्त एवं सचिव राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, तथा उनके भी स्थानान्तरित हो जाने पर श्री डी० पी० वरुण, सचिव, राष्ट्रीय एकीकरण विभाग, ने समिति के सचिव पद को सुशोभित किया। वर्ष १९७४-७५ से श्री शशि भूषण शरण, आयुक्त एवं सचिव, शिक्षा विभाग, समिति के सचिव पद पर आसीन हैं। इन सभी महानुभावों ने अपने कार्यकाल में समिति के कार्यों में प्रगति लाने के लिए विशेष रुचि दिखाई जिसके लिए समिति उनकी अत्यन्त आभारी है।
४-श्री महावीर निर्वाण समिति की पहिली बैठक दिनांक २१-९-१९७२ को तत्कालीन मुख्य मंत्री माननीय श्री कमलापति त्रिपाठी जी की अध्यक्षता में हुई थी। अपने अध्यक्षयीय भाषण में मुख्य मंत्री जी ने कहा कि भगवान महावीर की निर्वाण जयन्ती के आयोजन के लिए हमें व्यापक द्रष्टिकोण अपनाना चाहिए तथा समाज के सभी वर्गों के लोगों को इस समारोह में सम्मिलित करना चाहिए। समारोह के लिए एक व्यवस्थित कार्यक्रम का प्रस्ताव तैयार करने के लिए एक २०-२५ सदस्यों की समिति बना दी जाय । इन प्रस्तावों में जैन धर्म सम्बन्धी साहित्य के प्रकाशन, भवन निर्माण एवं तीर्थ स्थानों तक सुगमता से पहुंचने के लिए सड़क आदि के निर्माण के प्रस्ताव भी शामिल किए जांय तो उचित रहेगा। एक दो स्यारक भी बनवाने के विषय में विचार किया जा सकता है।
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