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________________ [ २९ हृदयरोग एक अण्डे में लगभग ४ ग्रेन कोलेस्टरोल की मात्रा पाई जाती है। कोलेस्टरोल की इतनी अधिक मात्रा से अण्डे दिल की बीमारी, हाई ब्लडप्रेशर, गुर्दो के रोग, पित्त की थैली में पथरी आदि रोगों को पैदा करते हैं। --डा. रोबर्ट ग्रांस, प्रो. इरविंग डेविडसन पेट को सड़न अण्डों में कार्बोहाइडेट्स बिल्कुल नहीं होते और कैल्शियम भी बहुत कम होता है। अतः इनसे पेट में सड़न पैदा होती है। -डा० इ० वी०, मेल्कालम (न्यूअर नालेज आफ़, न्यूट्रिशन) एग्जिमा और लकवा अण्डे की सफेदी में एवीडिन नामक भयानक तत्व होता है, जो एग्जमा पैदा करता है। जिन जानवरों को अण्डे की सफेदी खिलाई गई उनको लकवा मार गया और चमड़ी सूज गई। ___---डा० आर० जे विलियन्स, डा० रोबर्ट ग्रांस टी० बी० और पेचिश मुर्गियों में बहुत सी बीमारियाँ होती हैं, अण्डे उन बीमारियां को विशेषतया टी० बी०, पेचिश आदि को अपने साथ ले जाते हैं और इनको खाने वालों में पैदा करते हैं। -डा० रोबर्ट ग्रांस अण्डों के विरुद्ध बड़ें डाक्टरों की राय अण्डों में चूने की कमी होती है और उनमें शर्करा भी नहीं होती है । अतः अण्डों में आंत के अन्दर सड़ाने की रुझान होती है वनिस्बत कि हाजमा दुरुस्त रखने की। जब बन्दरों को अण्डों पर ही रखा गया तो सड़ाने वाले कीटाणु अधिक होने लगे और जानवर सोते हुए से रहते थे और कभी अपने सिरों को झुका हुआ सा रखते थे। वे सुस्त थे और बाहरी तरीकों से जब उन्हें उकसाया जाता था तो उनमें फर्तीलापन की कमी पाई गई। पेशाब मात्रा में कम होती थी और गहरे रंग की होती थी। और पेशाब में सड़ान की वस्तुओं की मात्रा ज्यादा बढ़ गयी थी। जब जानवरों को दूध व अंगूर की शर्करा दी गई तो मानसिक व शारीरिक दोनों परिवर्तन उनमें पुनः लौट आये और वे ठीक हो गये। इससे यह परिणाम निकाला जा सकता है कि मांस और अण्डों का अधिक प्रयोग विषाक्त तत्वों को शरीर में पैदा कर देता है जो कि सुस्ती लाते हैं। -डा० इ०व० मैककोलम अण्डे खाना हानिकारक है। ___ अण्डे खाना नुकसानदायक भी है । अण्डा अव्यक्त मुर्गी का बच्चा है। अण्डा खाना एक प्रकार का गर्भ में डकैती डालने के समान है या यों कहिए कि मुर्गी के बच्चे की हत्या के बराबर है। परन्तु यह ही अण्डे खाने का एकमात्र अभिप्राय नहीं है। आप का यह कहना केवल कथन मान ही है कि मैं और अण्डे सलामत रहें तो जीवन के स्वास्थ्य की गाड़ी चलती रहेगी, परन्तु रासायनिक अन्वेषण कुछ और ही बताता है जो कि इस कथन के विरुद्ध गवाही देता है। अण्डे की सफेद जर्दी मुख्यतया एलबुमिन ही है जो कि प्रोटीन की एक किस्म ही है। शरीर अलबुमिन को नष्ट तत्व के रूप में बाहर निकालता है। अण्डे का पीला भाग कोलस्टरोल नामक पदार्थ अपने अन्दर रखता है जो कि एक प्रकार की चिपचिपी शराब है और जो यकृत और खून की रगों में जमा हो जाता है और खून की धमनियों (रगों) में जख्म और कड़ापन पैदा कर देता है। --डा० जे० एम० बिलकिस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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