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उच्च शिक्षा मन्त्री डा० रामजी लाल सहायक तथा विधान सभा के अध्यक्ष श्री बासुदेव सिंह ६० अहिंसा सम्मेलन में अध्यक्षीय भाषण देते हुए डा० रामजी लाल सहायक, उच्च शिक्षा मन्त्री एवं
कार्याध्यक्ष-श्री महावीर निर्वाण समिति, उ० प्र० दि० २६-२६ अक्टूबर, १६७५ को रवीन्द्रालय लखनऊ में हुई 'भारतीय संस्कृति में जैन विचारधारा का प्रभाव' संगोष्ठी का एक दृश्य । मंच पर संगोष्ठी के संयोजक डा. शशि कान्त, चतुर्थ सत्र के अध्यक्ष डा० जे० डी० शुक्ल आई० सी० एस० तथा संगोष्ठी-समापनकर्ता विद्यावारिधि डा. ज्योति
प्रसाद जैन । कान्त बाल केन्द्र की अध्यापिकाएं भावनागान द्वारा मंगलाचरण कर रही हैं। ६२ 'भारतीय संस्कृति में जैन विचारधारा का प्रभाव' संगोष्ठी, लखनऊ के श्रोताओं का एक दृश्य ६३ 'हिन्दी सन्त साहित्य में जैन साहित्यकारों का योगदान' संगोष्ठी, नजीबाबाद (२१-२३ अक्टूबर
१६७५)-मंच पर हैं आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी (अध्यक्ष), डा० प्रेमचन्द्र जैन (संयोजक), डा०
कस्तूरचन्द कासलीवाल, डा. विजयेन्द्र स्नातक, पं० नर्मदेश्वर चतुर्वेदी, आदि । ६४ भगवान महावीर २५००वाँ निर्वाण महोत्सव समिति लखनऊ की ओर से दिनांक १४-११-१६७४ को
आयोजित जनसभा में भगवान महावीर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रदेश के सामुदायिक विकास मन्त्री श्री बलदेव सिंह आर्य । मंच पर हैं समिति के मन्त्री श्री जिनेन्द्र चन्द्र जैन, सभा के अध्यक्ष श्री महावीर प्रसाद श्रीवास्तव, समिति के कार्याध्यक्ष डा. ज्योति प्रसाद जैन और उपाध्यक्ष श्री अमोलक चन्द नाहर ।
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