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________________ चित्रावलि १ आवरण एवं मुखपृष्ठ-लवणशोभिका का स्तूपांकित आयागपट (प्रथम शती ई०), कंकाली टीला. मथुरा २ तीर्थंकर महावीर ३ सर्वोदय-तीर्थ-कर्ता महावीर ४ भगवान महावीर (गर्भावतरण की रात्रि में माता द्वारा देखे गये सोलह स्वप्नों के अंकन सहित। ५ तीर्थकर का त्रिरत्नाधारित शोडष-आरक धर्मचक्र अर्हत् महावीर (७ वीं-८ वीं शती ई०), देवगढ़ ७ योगीश्वर वर्द्धमान महावीर ८ भगवान महावीर (गुप्तकालीन प्रतिमा), कंकाली टीला, मथुरा मानस्तम्भ (१७६ जिन-प्रतिमाओं के अकन से युक्त), देवगढ़ ६-अ 'पूर्णभद्र' शैली का जिनमन्दिर (नं० २८), गुर्जरप्रतिहार कालीन, देवगढ़ १० आदितीर्थकर भ. ऋषभदेव की विशालकाय प्रतिमा, रायगंज मंदिर, अयोध्या ११ तीर्थंकर सम्भवनाथ का प्राचीन मन्दिर, श्रावस्ती १२ नवीन सम्भव-जिनालय, श्रावस्ती १३ सिंहद्वार, दिगम्बर बड़ा मन्दिर हस्तिनापुर १४ चौबीस तीर्थंकरों की टोंके, हस्तिनापूर १५ जल-मन्दिर, हस्तिनापुर । १६ मानस्तंभयुत दि. जैन मन्दिर, हस्तिनापूर १७ भगवान पार्श्वनाथ-मन्दिर, अहिच्छत्रा १८ 'तिखाल वाले बाबा', अहिच्छवा १६ दि० जैन धर्मशाला, अहिच्छना २० कलापूर्ण शिखरयुत बड़ा शान्तिनाथ जिनालय, देवगढ़ २१ मन्दिर नं० १२ का भव्य अर्धमण्डप, देवगढ़ २२ प्रेमालिंगित युग्म, नवधा भक्ति (आहार ग्रहण करते मुनि), आदि द्रश्यों के अंकनों से युक्त मन्दिर नं० १२ के प्रदक्षिणापथ के प्रवेशद्वार का दांया पक्ष, देवगढ़ २३ सहस्रकूट चैत्य. देवगढ़ २४ कलापूर्ण मानस्तम्भ-शीर्ष, देवगढ़ २५ मानस्तम्भ नं० ११ का अलंकृत शीर्ष भाग, देवगढ़ २६ कल्पवृक्ष के नीचे युगलिया, देवगढ़ २७ धरणेन्द्र-पद्मावती, देवगढ़ २८ बीस-भुजा चक्रेश्वरीदेवी, देवगढ़ २६ शुचिस्मिता, देवगढ़ ३० कायोत्सर्ग तीर्थकर, देवगढ़ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012057
Book TitleBhagavana Mahavira Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJyoti Prasad Jain
PublisherMahavir Nirvan Samiti Lakhnou
Publication Year1975
Total Pages516
LanguageHindi
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size16 MB
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