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श्वेताम्बर सम्प्रदाय के गच्छों का सामान्य परिचय.pt 12mu
सन्दर्भ-ग्रन्थ
1. भगवतीसूत्र, 15/1/539-61. 2. वही, 9/33/386-7. 3. कल्पसूत्रस्थविरावली, 205-223. 4. नन्दीसूत्रस्थविरावली, 25-48. 5. विशेषावश्यकभाष्य 3053 और आगे, आवश्यकभाष्य 145 और आगे, आवश्यकपूर्णी, प्रथम भाग, पृ.
427,586. 6. कल्पसूत्रस्थविरावली, 216-221. 7. वही, 8. सम्बोधप्रकरण, 9. खरतरगच्छबृहदगुर्वावली संपा. जिनविजय, [सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्यांक 42, बम्बई 1956 ई. 1,
पृ.2-3. 10. द्रष्टव्य, संदर्भ संख्या 12. 11. श्रीपार्श्व -- अंचलगच्छदिग्दर्शन [ बम्बई, 1980 ई. 1, पृ. 10. 12. अगरचन्दनाहटा -- "जैन श्रमणों के गच्छों पर संक्षिप्त प्रकाश" यतीन्द्रसरि अभिनन्दनग्रन्थ [ आहोर,
1958 ई. 1, पृ.141. 13. शिवप्रसाद -- "आगमिकगच्छ अपरनाम (प्राचीन) प्रिस्तुतिकगच्छ का इतिहास" पं. दलसुखभाई मालवणिया अभिनन्दन ग्रन्थ, वाराणसी 1991 ई.स., पृष्ठ 241-284. 14. शिवप्रसाद -- "उपकेशगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" श्रमण वर्ष 42, अंक 7-12, पृ. 91-182. 15. वही, पृ. 181-182. 16. C.D. Dalal -- A Descriptive Catalogue of Manuscripts in the Jain Bhandars at
Pattan, Gaekwad's Oriental Series No. LXXVI, Baroda, 1937 A.D., pp. 210-213. 17. H.D. Velankar -- Jinaratnakosa, Bhandarkar Oriental Research Institute,
Government Oriental Series, Class C No. 4, Poona, 1944 A.D., pp. 349-350. 18. "कृष्णर्षिगच्छ का संक्षिप्त इतिहास" नामक मेरा एक शोध-निबन्ध लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति
विद्यामंदिर, अहमदाबाद द्वारा प्रकाशित होने वाली वार्षिक शोध-पत्रिका सम्बोधि के आगामी नये अंक में
प्रकाशनार्थ स्वीकृत हो चुका है. 19. शिवप्रसाद -- "कोरंटगच्छ का संक्षिप्त इतिहास", श्रमण, वर्ष 40, अंक 5, पृ.15-43. 20. शिवप्रसाद -- "भावडारगच्छ का संक्षिप्त इतिहास", श्रमण, वर्ष 40, अंक 3, पृ.15-33. 21. नाहटा, पूर्वोक्त, पृ. 145-146. 22. मुनि जिनविजय -- संपा. खरतरगच्छबृहद्गुर्वावली, सिंघी जैन ग्रन्थमाला, ग्रन्थांक 42, बम्बई 1956 ई., भूमिका, पृ.6-12.
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