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डा० सुदर्शन लाल जैन (घ) तालव्यादेश-त्य थ्य द्य ध्य को क्रमशः च छ ज झ आदेश होते हैं' पश्चात् त्त्वादि कार्य । जैसे—अत्यन्तम्>अच्चन्तं । प्रत्यक्षम्>पच्चक्खं, मिथ्या>मिच्छा, रथ्या> रच्छा, उद्यानम्>उज्जाणं, विद्या>विज्जा, उपाध्यायः>उवज्झाओ।
(ङ) आदि वर्ण के संयुक्त होने पर कमजोर वर्ण का लोपमात्र होता है, द्वित्त्व नहीं। यदि कमजोर वर्ण का लोप नहीं होता है तो स्वरभक्ति कर दी जाती है । जैसे-न्यायः>णायो, स्वभावः>सहावो, व्यतिकरः>बइयरो, ज्योत्स्ना>जोण्हा, त्यजति>चयइ, श्यामा>सामा, स्नेहः>सणेहो, स्यात्>सिया, ज्या>जीआ।
७. विशेष परिवर्तनः (जहाँ 'य' भिन्न-भिन्न रूपों में परिवर्तित हुआ है)
(क) य>ज्ज- उत्तरीय शब्द में, अनीय, नीय तथा कृदन्त के 'य' प्रत्यय को विकल्प से ज्ज होता है। जैसे-उत्तरीयम्>उत्तरिज्जं उत्तरीअं, करणीयम्>करणिज्जं करणीअं, यापनीयम्>जवणिज्जं जवणीअं, द्वितीयः>बिइज्जो, बीओ। तृतीयः>तइज्जो तइओ, प्रेया> पेज्जा पेआ।
(ख) य>ह-परछाईं अर्थ में छाया शब्द के 'य' को विकल्प से 'ह' होता है। जैसेवृक्षस्य छाया>वच्छस्स छाही वच्छस्स छाया। कान्ति अर्थ में नहीं हुआ । जैसे—मुखच्छाया> मुहच्छाया।
(ग) य>व, आह (डाह)--'कतिपय' शब्द के 'य' को पर्यायक्रम से 'आह' और 'व' आदेश होते हैं । जैसे- कतिपयम्>कइवाहं, कइअवं ।
(घ) य>ल'-यष्टि' के 'य' को 'ल' होता है। जैसे>यष्टि:>लट्टी
(ङ) य>त -'तुम' अर्थ में 'युष्मद्' शब्द के 'य' को 'त' होता है। जैसे-युष्मादृशः, तुम्हारिसो, युष्मदीयः-तुम्हकेरो। 'तुम' अर्थ न होने पर 'त' नहीं होगा। जैसे–युष्मदस्मत्प्रकरणम् (अमुक-तमुक से सम्बन्धित) >जुम्ह-दम्ह-पयरणं ।।
(च) य>स्वरसहित लोप--'कालायस' के 'य' का विकल्प से अकारसहित लोप होता है। जैसे—कालायसम्>कालासं, कालाअसं, किसलयम्>किसलं किसलअं।
. (छ) स्त्य>ठ-'स्त्यान' के 'स्त्य' को 'ठ' विकल्प से होता है । जैसे--स्त्यानम् >ठीणं, थीणं ।
(ज) न्य>ज, ज-अभिमन्यु के 'न्य' को 'ज' 'ज' आदेश विकल्प से होते हैं।' जैसे-अहिमज्जू, अहिमञ्जू अहिमन्नु । १. अ-त्यथ्यद्यां च छ ज । २. वोत्तरीयानीय-तीयकृद्ये ज्यः । हेम० ८. १. २४८ । ३. छायायां हो कान्तौ वा । हेम० ८. १. २४९ । ४. डाह वौ कतिपये । हेम ८.१.२५० । ५. यष्ट्यां लः । वर० २.३२ तथा वृत्ति भामहकृत । हेम० ८-१-२४७ । ६. युष्मद्यर्थपरे तः । हेम. ८. १.२४६ । ७. वर ४.३ तथा वृत्ति ।। ८. स्त्यान-चतुर्थार्थे वा । हेम० ८.२.३३ । ९. अभिमन्यौ जजौ वा । हेम० ८.२.२५ ।
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