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________________ अनुक्रमणिका पूर्व एवं वर्तमान कार्यकारिणी/१ इतिहास कथा/भूपराज जैन/८ Shree Jain Vidyalaya, Heading Towards Par Excellence/B.C. Kankaria/५२ श्री जैन बुक बैंक/सुभाष बच्छावत/५३ Down the Memory Lane/Goutam Kumar Bose/५४ श्री जैन शिल्प शिक्षा केन्द्र के बढ़ते चरण/ अशोक बच्छावत/५५ Shree Jain Shilpa Shiksha Kendra/Geetika Bothra/५६ धर्म सभा/धनराज अब्भाणी/५६ स्वाध्याय भवन (समता-भवन) का निर्माण/ केवलचंद कांकरिया/५७ शिक्षा, सेवा और साधना/रिधकरण बोथरा/५८ शुभाशंसा/रिखबदास भंसाली/५९ Glorious Eight Decades : A Memorable ___JourneyNinod Minni/५९ बिना किसी भेद भाव के सेवा में अग्रणी/बच्छराज अभाणी/६० गति जीवन विश्राम मौत है/पन्नालाल कोचर/६१ शुभाशंसा/फागमन अभानी/६१ सेवा शिक्षा और साधना की अनवरत जलती मशाल/जयचन्दलाल मिनी/६२ शुभाशंसा/भंवरलाल दस्साणी/६३ महानगर की प्रथम अग्रणी जैन संस्था/पारसमल भूरट/६३ लोक कल्याण की यह मशाल जलती रहे/महेन्द्र कर्णावट/६३ शुभाशंसा/किशनलाल बोथरा/६३ From The Desk of Ashok Minni/Ashok Minni/६४ हकीकत/सुरेन्द्र सुराणा 'सूरू'/६४ Decades old Association with Shree Jain Vidyalaya & S. S. Jain Sabha/Arun Kumar Tiwari/84 सेवा कार्य में अग्रणी/चांदमल अभाणी/६६ सभा के नित नये बढ़ते चरण/अशोक बोथरा/६६ अमृत महोत्सव/मोहनलाल भंसाली/६७ आभार /चन्द्रप्रकाश डागा/६७ शुभाशंसा/पानमल मालू/६८ जैन सभा कोलकाता के अष्ट स्वर्णिम दशक/केशरीचन्द सेठिया/६९ शुभकामनायें/पुखराज बोथरा/७० विकासोन्मुख श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता/धनराज बेताला/७० श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा : एक बहुआयामी संस्था/जिनेन्द्रकुमार जैन/७१ शिक्षा, सेवा और साधना के आठ दशक/बनेचन्द मालू/७२ Shree S. S. Jain Sabha : A model/K.P. Verma/93 आपणां आपणी बाता/पुखराज बेताला/७४ एक प्राणवान-ऊर्जावान संस्था श्री जैन सभा/चम्पालाल डागा/७५ शुभाशंसा/डॉ. महेन्द्र भानावत/७५ सेवा का पर्याय : श्री जैन सभा/रतनलाल सुराना/७६ शानदार आठ दशक/पानादेवी सेठिया/७७ असहायों के प्रति समर्पित/हिम्मतसिंह डूंगरवाल/७८ कल्याणकारी संस्था/अबीरचन्द सेठिया/७९ सभा के बढ़ते कदम/अभयराज सेठिया/७९ शुभकामनायें/८० |विद्वत खण्ड समाज विकास में समता दर्शन की भूमिका/सज्जनसिंह मेहता 'साथी'/८३ लोक-लोक में मीरा की खोज/डॉ. कहानी मानावत/८६ शिक्षा, शिक्षक एवं शिक्षण/डॉ. कहानी मानावत/८८ जैन आगमों में मूल्यात्मक शिक्षा और वर्तमान सन्दर्भ/प्रो. सागरमल जैन/९० महावीर का महावीरत्व/ओंकारश्री/९७ शिक्षा का समाज में स्थान/श्यामसुन्दर केजड़ीवाल/९९ जैनत्व हो तो अलबर्ट आइंस्टीन जैसा../ओंकारश्री/१०० युग की चुनौतियाँ और नारी शक्ति/प्रतिभा गहलोत/१०२ अजन्मी मां की गुहार/मेघराज श्रीमाली/१०३ जैन गणित का गणितशास्त्र में योगदान/ऋषभकुमार मुरड़िया/१०४ ० अष्टदशी ० Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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