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________________ आई०आई०एम० १९वें एवं दिल्ली विश्वविद्यालय ५७वें बिजली जो अभी ४% पैदा कर रहे हैं, यह २०५० तक ५०% स्थान पर है। इस प्रकार शिक्षा एवं अनुसंधान के माध्यम से होगी, जिसकी विकास में आधारभूत आवश्यकता है। विकास होता है। अमेरिका में हमारे ५० हजार, ब्रिटेन में ४० हमारे समाज में - भारतीय समाज में मध्यम वर्ग वह है हजार, मध्य एशिया में २० हजार डॉक्टर एवं दो लाख जो २-१० लाख वार्षिक अर्जन करता है। यही वर्ग शिक्षा पर इंजिनियर तथा ५ लाख तकनीकी लोग कार्यरत हैं और विदेशी जोर देता है। इनकी संख्या अब ५ करोड़ है और २०२५ में मुद्रा का भण्डार भर रहे हैं। इनकी संख्या ५९ करोड़ हो जायेगी तथा २९ करोड़ भारतीय शिक्षा द्वारा विकास के क्षेत्र में यूरोप में वृद्धों की संख्या गरीबी की रेखा से ऊपर उठ जायेंगे। ऐसा मैकेन्सी ग्लोबल बढ़ रही है। उन्हें विकास के लिए शिक्षित तकनीकी लोग इंस्टीट्यूट का सर्वे घोषणा करता है। भारतीय जनतंत्र में इस चाहिये, हाल ही में बेलजियम, पोलैण्ड, स्वीडन एवं फ्रांस ने शिक्षित मध्यम वर्ग की मुख्य भागीदारी एवं जिम्मेवारी होगी। इंजिनियरों, डॉक्टरों की मांग की है। भारत में हर साल २ लाख भारत में शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य एवं मोबाईल, निवेश कर इंजिनियर एवं ३० हजार डॉक्टर बन रहे हैं। इनका कार्यक्षेत्र मुख्य केन्द्र विकास में योगदान देंगे। शिक्षा द्वारा ही सूचना के विश्वव्यापी होगा। यूरोपीय संघ अपने राष्ट्रों के लोगों को पसंद अधिकार (RTI) का उपयोग होगा, जिससे भ्रष्टाचार प्रायः कर रहे हैं पर उनको मिल नहीं रहे हैं। अत: भारत पर उनकी समाप्त हो जायेगा और "Electoral will vote the rogues नजर सदा रहेगी। बहुराष्ट्रीय कंपनियां (MNC) भारतीय बाजार out" चुनाव में भ्रष्ट बाहर हो जायेंगे, ऐसा अगले १८ वर्षों में में आ रही हैं। भारत में संग वालमार्ट २००८ में प्रवेश कर रहा । शिक्षा द्वारा संभव होगा। हमारी वृद्धि दर ७.३% से ऊपर बनी है, जिन्हें ५००० युवाओं की जरुरत होगी। एम०एन०सी०, रहेगी। एम० बी०ए० की जगह ग्रेजुएट को लेगी, जैसे पेप्सी कोला- __ शिक्षा के अलावा नारी की भागीदारी भारतीय समाज में इंडिया ने प्रारम्भ किया है। हर क्षेत्र में बढ़ने लगी है।यह विकास की प्रक्रिया को गतिमान विश्व में भारत घरेलू उत्पाद में (GDP) चौथे स्थान पर बनायेगी। है, ४८० खरब रूपये का घरेलू उत्पाद है। यह बढ़ेगा क्योंकि विश्व व्यापार संघ की पेचिदिगियों को समझने के लिए उद्योगों में उत्पाद १०-१२% वृद्धि दर कर रहे हैं। इसमें शिक्षा तीक्ष्ण मस्तिष्क शिक्षा द्वारा ही संभव है ताकि आर्थिक विकास का योग है, अमेरिका विश्व में सकल घरेलू उत्पाद में प्रथम में अमीर राष्ट्र हमें गुमराह न कर दे। इस पर हमारी शिक्षण (१२४६ खरब डालर), चीन द्वितीय (४६ खरब डालर) संस्थाओं में खुली बहस होनी चाहिये। सही जानकारी होनी जापान तृतीय (४५ खरब डालर) और भारत चौथा (१० खरब चाहिये। विकासशील राष्ट्र जीवन यापन के स्तर पर है और डालर है)। शिक्षा में भारत ६५% साक्षरता में है। आशा की अपना एक तिहाई जनता का पेट भरने, तन ढकने की दिशा में जाती है कि २०५० में भारत सकल घरेलू उत्पाद में अमेरिका प्रयासरत है। से ऊपर निकल जायेगा। भारत की अर्थव्यवस्था को “फ्लाईंग चिकित्सा शिक्षा द्वारा आर्थिक विकास की संभावना इकोनॉमी' नाम दिया जा रहा है। इसका कारण शिक्षा, लॉवर यथार्थ में परिवर्तित हो रही है। भारत में सरकारी एवं निजि कॉस्ट- हायर ग्रोथ यानि कम खर्च में अधिक उत्पादन है और स्वास्थ्य सेवाओं में लगभग साढ़े छ: लाख डॉक्टर संलग्न है। उत्पाद की गुणवत्ता उत्तम होने के कारण विश्व बाजार प्राप्त माना कि एक हजार छ: सौ छ्यासठ (१६६६) व्यक्तियों के होगा। चीन हमारी तरह शिक्षा द्वारा ही आगे बढ़ रहा है। अंग्रेजी पीछे भारत में एक डॉक्टर है, परन्तु अमेरिका यूरोप में ज्यादा शिक्षा हमारा सबल पक्ष है, जो १८३५ में चालू हुई थी। सर्वे डॉक्टर होते हुए भी भारत से इलाज दस गुणा महंगा है। भारत २०७ के अनुसार जी-७ राष्ट्रों, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, में हार्ट-हृदय का इलाज तुरन्त हो सकता है, अमेरिका में ३८५ कनाड़ा, फ्रांस, इटली, जापान से भारत और चीन बौद्धिक व्यक्तियों पर एक डॉक्टर है, एम्स के ४०% डॉक्टर अमेरिका क्षमताओं के कारण आगे बढ़ जायेंगे (यंग यूरोपीयन एट्रेक्विनेस जा रहे हैं, वहां बस रहे हैं। इस प्रकार चिकित्सा, पर्यटन, ईलाज सर्वे २००७)। कराने से भारत को २.५% अरब डालर यानि १०० अरब अमेरिका के संग आणविक समझौते के सफल होने पर रुपयों की आय होने की २०१५ तक संभावना है, जो हमें न्यूकिलियर पावर प्लांट लगाने में न्यूकिलियर एनर्जी ० अष्टदशी / 1250 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.
SR No.012049
Book TitleAshtdashi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhupraj Jain
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sabha Kolkatta
Publication Year2008
Total Pages342
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size22 MB
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