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चांदमल अभाणी
संयोजक
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धर्म सभा
सेवा कार्य में अग्रणी
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विगत ८० वर्षों से श्री श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन सभा कोलकाता जन कल्याणकारी, पीड़ित असहाय एवं निराश्रित व्यक्तियों की तन-मन-धन से सेवा में लगी हुई, यह बेमिसाल है अग्रजों द्वारा स्थापित यह संस्था कार्यकर्त्ताओं, पदाधिकारियों एवं कर्णधारों के कठोर परिश्रम, सामंजस्य, एकजुटता और सहनशीलता के बल पर जन-जन में लोकप्रिय है। पश्चिम बंगाल के ग्रामीण अंचलों में शिक्षा, सहायता का जो परचम लहराया है, वह बेजोड़ है। सभा की बुक बैंक जैसी प्रवृत्ति ने शिक्षा के प्रचार-प्रसार का बीड़ा ही अपने कंधों पर उठा रखा है। बेरोजगारों को रोजगार प्रदान करने में भी यह सभा किसी से पीछे नहीं है।
अकाल, बाढ़, भूकम्प आदि प्राकृतिक आपदाओं में भी सभा के कार्यकर्ता उदारतापूर्वक सहयोग करने में सदा अग्रणी रहे हैं। नेत्र शल्य चिकित्सा, विकलांग सहायता एवं प्लास्टिक
अशोक बोथरा
सहमंत्री श्री श्वे० स्था० जैन सभा
सभा के नित नये बढ़ते चरण
विगत आठ दशक से श्री श्वे० स्था० जैन सभा, कोलकाता के शिक्षा सेवा साधना के जिन मानव सेवी प्रकल्पों, गतिविधियों एवं क्रिया-कलापों का जो विस्तार हुआ वह कर्मठ समाजसेवी, अथक अध्यवसायी, उदार, सक्रिय कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों एवं कर्णधारों की आशा-आकांक्षाओं एवं गहरे विश्वास तथा समवेत रूप से कार्य करने का सुपरिणाम एवं सुफल है। ये सभी कार्यकर्ता हमारी नयी पीढ़ी के लिए प्रणम्य, पूज्य और वन्दनीय हैं तो है ही अपितु अनुकरणीय, प्रशंसनीय तथा वरेण्य भी हैं।
हमारी नई पीढ़ी जिसके कंधों पर इस मानव सेवी सभा का उत्तरदायित्व आनेवाला है, इन्हीं अग्रणी कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों की देखरेख में प्रशिक्षण ले रही है और मुझे दृढ़ विश्वास है कि संकल्प की धनी दूर दृष्टि सम्पन्न यह नई पीढ़ी अपनी मेहनत, सूझ-बूझ, दूरदर्शिता, सद्भावना एवं प्रेम पूर्ण व्यवहार से सबके मन को जीतकर निरन्तर इन मानव सेवी प्रकल्पों को नये क्षितिजों, आयामों तक विस्तार देगी ।
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सर्जरी शिविरों के माध्यम से निःशुल्क सेवा प्रतिवर्ष अनेक बार कर मानव सेवा के अनेक कीर्तिमान इस संस्था ने बनाये हैं।
पश्चिम बंगाल के ग्रामीण अंचलों के जरुरतमंद विद्यालयों में शौचालय निर्माण, छत्ते के पंखे, कम्प्यूटर केन्द्र, लाइब्रेरी एवं साइन्स लेबोरेटरी में सहयोग सभा द्वारा प्रतिवर्ष किया जाता है। निस्सन्देह ये समस्त सेवा कार्य उदार दानदाताओं के सहयोग से किये जाते हैं।
बच्चों में धार्मिक संस्कारों को बढ़ावा देने के लिए भी सभा निरन्तर प्रयासरत है। धर्म सभा के माध्यम से जो प्रत्येक माह के अंतिम रविवार को सभागार में आयोजित होती है, धर्म के प्रति सभासदों एवं मानव सेवी प्रकल्पों के माध्यम से तनमन-धन एवं दानदाताओं के उदार सहयोग से सामाजिक, शैक्षणिक एवं धार्मिक क्षेत्र में निस्पृह, निष्काम सेवा भाव द्वारा अहर्निश तल्लीन है।
सभा के अनेक भावी योजनाओं को क्रियान्वित करने हेतु सभा के पदाधिकारी, कर्णधार एवं कार्यकर्ता सद्ध हैं। सभा अपने परिश्रम से कई मील के पत्थर बनाने में सफल रहे, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ ।
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ये आविष्कार, ये प्रगतियां कर्मवीरों, कर्मयोगियों की कठिन मेहनत का फल है। उन्होंने जो स्वप्न देखे थे उनको पूरा करने के लिए अपने प्राणों तक का विसर्जन कर दिया। फल की आशा किये बिना सतत कर्म करते रहना, क्रियाशील रहना प्रगति का सूचक है हमारे पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मेन डा० अब्दुल कलाम नई पीढ़ी को सदा यही प्रेरणा देते हैं कि सपने देखो और इनको पूरा करने के लिए सर्वतोभावेन जुट जाओ। स्वयं ने सपने देखे और अपने अथक परिश्रम से वे उस मुकाम तक पहुँचने मे सफल हुए । एकलव्य ने द्रोणाचार्य की मिट्टी की मूर्ति के सामने धनुर्विद्या का अभ्यास किया एवं पारंगत हो गया तथा अर्जुन को भी पीछे छोड़ दिया । उसका स्वप्न था महान धनुर्धर बनने का एवं परिश्रम और लगन ने उसे उस मुकाम तक पहुँचा दिया जो अर्जन के लिए भी संभव नहीं हो सका था।
हमारी नई पीढ़ी में दमखम है और अपने बुजुर्गों के आशीर्वाद से वह इस सभा को, उसके क्रिया कलापों को, सेवा भावी मानव प्रकल्पों को उस मुकाम तक अवश्य पहुँचाने में सक्षम होगी जिसकी कल्पना हमारे कर्णधार करते हैं।
करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान, की कहावत हमें चरितार्थ करनी है। आठवें दशक से शताब्दी की यात्रा मंगलमय एवं सफल हो, इसी शुभकामना एवं प्रार्थना के साथ ।
अष्टदशी / 66
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