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१०. सभा का स्थापना दिवस :
सभा के कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार हेतु महानगर के दैनिक सभा का ७६वाँ स्थापना दिवस समारोह उपाध्याय श्री
पत्रों के सहयोग के प्रति आभार व्यक्त किया। सभा के सभी ईश्वरमुनि, आशुकवि श्री रंग मुनि एवं महासती श्री अगों के पारस्परिक सहयोग हेतु भी साधुवाद। समप्रज्ञाजी म.सा. के सान्निध्य में आयोजित हुआ।
कार्य संपादन की त्रुटियों हेतु क्षमायाचना के बाद २८ सभा भगवान महावीर का जन्म कल्याणक विगत अनेक दिसम्बर, ०३ को आयोज्य स्नेह-मिलन की सूचना दी गई। वर्षों से श्री जैन विद्यालय कोलकाता के साथ मनाती आ रही है। मन्त्री महोदय द्वारा कन्सोलिडेटेड बेलेन्ससीट सभा के सदन इस वर्ष भी ऐसा ही किया गया।
पटल पर रखी गयी जो विचार-विमर्श पूर्वक सर्वसम्मति से पर्युषण पर्व अराधना : इस वर्ष समता प्रचार संघ स्वीकृत की गई। चित्तौड़गढ़ के स्वाध्यायी श्री सुशीलजी मेहता ने कराई। श्री जैन आगामी कार्यकाल के लिए विश्वस्त मंडल, पदाधिकारी, विद्यालय के छात्रों को भी उन्होंने सप्त कुव्यसनों की हानियों से कार्यकारिणी सदस्य एवं स्थायी आमंत्रित सदस्यों का निर्वाचन अवगत कराया एवं इनसे दूर रहने की सलाह दी। छात्रों ने इस सर्वसम्मति से किया गया, जो निम्न हैसम्बन्ध में अपनी शंकाओं का समाधान किया एवं लगभग विश्वस्त मंडल : पचास छात्रों ने आजीवन सप्त कुव्यसनों के त्याग के सौगन्ध
१. श्री सरदारमलजी कांकरिया लिए।
२. श्री रिखबदासजी भंसाली आपको यह अवगत कराते हुए प्रसन्नता है कि आलोच्य
३. श्री बच्छराजजी अभाणी सत्र में श्री जैन हॉस्पीटल को निम्न सफलताएँ प्राप्त हुई हैं
४. श्री सुन्दरलालजी दुगड़ १, इसे आइ.एस.ओ.-९००१ की मान्यता प्राप्त हो गई है।
पदाधिकारी : अध्यक्ष-श्री बालचंदजी भूरा, उपाध्यक्ष-श्री मान्यता प्राप्त हावड़ा जिले का यह प्रथम अस्पताल है।
रिधकरणजी बोथरा, मंत्री-श्री विनोदजी मिन्नी, सहमंत्री-श्री २. इनडोर विभाग में प्राय: १५० रोगी भर्ती रहते हैं, यह अशोकजी बोथरा, श्री किशोरजी कोठारी, कोषाध्यक्ष-श्री उसकी लोकप्रियता का लक्षण है।
शांतिलालजी डागा। डायलिसिस महीने में प्राय: ३०० रोगियों की हो जाती है। कार्यकारिणी सदस्य : श्री जयचन्दलालजी मिन्नी, श्री नो लोस, नो प्रॉफीट हमारी नीति प्राय: सफल रही है। खर्च के सोहनराजजी सिंघवी, श्री सुरेन्द्रकुमारजी बाँठिया, श्री बाद कुछ लाभ होता है जिससे नई मशीनें क्रय की जा सकती हैं। भँवरलालजी दस्साणी, श्री फागमलजी अभाणी, श्री पन्नालालजी मंत्री एवं संयुक्त मंत्री के प्रयासों से यह अस्पताल विकास
कोचर, श्री मोहनलालजी भंसाली, श्री किशनलालजी बोथरा, श्री की सीढ़ियों पर आरोहण कर रहा है। ये धन्यवाद के पात्र हैं। पारसमलजी भूरट, श्री अशोकजी मिन्नी, श्री सुभाषजी बच्छावत, प्रतिस्पर्धा के इस युग में परिवर्तन आवश्यक दृष्टिगत होता
श्री सुभाषचंदजी कांकरिया, श्री ललितकुमारजी कांकरिया, श्री है। हमें भी अपनी पद्धति में सुधार लाने की आवश्यकता है।
राजेन्द्रकुमारजी नाहटा, श्री महेन्द्रकुमारजी कर्णावट, श्री इसके लिए हमें प्रोफेशनलिज्म का अवलम्ब लेना होगा। भविष्य
शांतिलालजी कोठारी, श्री गोपालचंदजी बोथरा, श्री अरुणजी का विकास इसी पर निर्भर करेगा। सदस्यों को इस पर
मालू, श्री निश्चलजी कांकरिया, श्री राजकुमारजी डागा, श्री गंभीरतापूर्वक विचार करने का आग्रह है। अपनी बात के
चन्द्रप्रकाशजी डागा। समर्थन में मंत्री प्रवर ने एक कथानक का सहारा लिया।
स्थायी आमंत्रित सदस्य : पुण्याई समाप्त होने पर सेठ ने बिदा होती लक्ष्मी से वर १. श्री जयचन्दलालजी रामपुरिया, २. श्री सोहनलालजी मांगा कि उनकी सन्तानें मिलजुल कर प्रेम, सहयोग एवं सद्भाव
गोलछा, ३. श्री भंवरलालजी बैद, ४. श्री चांदमलजी अभाणी, पूर्वक रहे। लक्ष्मीजी वर देकर बिदा हो गई किन्तु कुछ समय
५. श्री कुन्दनमलजी बैद, ६ श्री खड़गसिंहजी बैद, ७. श्री बाद स्वत: लौट आई। जिज्ञासा करने पर बताया कि जहाँ प्रेम, मानिकचंदजी गेलड़ा, ८. श्री कमलसिंहजी कोठारी, ९. श्री पुरुषार्थ एवं परिश्रम है, वहाँ लक्ष्मी को रहना ही होगा। कमलसिंहजी भंसाली, १०. श्री तनसुखराजजी डागा, ११. श्री यही रहस्य सभा के उन्नयन का है। कार्यकर्ताओं का
सागरमलजी भूरा, १२. श्री हस्तीमलजी जैन, १३. श्री
गौतमचंदजी कांकरिया, १४. श्री संजयजी मिन्नी, १५. श्री पुरुषार्थ, प्रेम और सद्भाव इसकी विकास यात्रा का आधार है।
कंवरलालजी मालू, १६. श्री विनोदजी कांकरिया, १७. श्री 0 अष्टदशी / 400
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