________________
भरत सेन (ल० ९०० ई०) पद्मनन्दिमुनि दिनकरसेन , गोविन्दकवि सेढुकवि कुन्दकुन्दमणि वप्पनन्दि जयराम अमितगति वीतराग (ल० ९०० ई०) अज्ञात हरिचन्द्रकवि अमृतचन्द्राचार्य (ल० ९०५-९४० ई०)
अभयनन्दि (९०५-९४० ई०) हरिषेण (९३२ ई०) इन्द्रनन्दि योगीन्द्र (९३९ ई०)
काव्य ग्रन्थ सं०) (?) धम्मरसायणम् (प्रा०, १९३) चरणसार (प्रा०) कन्दर्पचरित्र (सं०) कथारत्नसमुद्र (क० ?) पउमचरिउ (अप०) सुलोयणाचरिउ (प्रा०), वैद्यगाहा (प्रा०, ४०००) वृषभनाथपुराण (सं०) धर्मपरीक्षा (प्रा.) योगसार प्राभृत (सं०) अकलंक चरित (सं०) धर्मशर्माभ्युदय (सं०), जीवन्धरचम्पू (सं०) समयसारकी आत्मख्याति टीका तथा कलश, प्रवचनसार की तत्त्वदीपिका टीका, पंचास्तिकाय टीका, तत्त्वार्थसार, परुषार्थसिद्धयुपाय, (सब सं०) ढाढसीगाथा (प्रा०),श्रावकाचार (प्रा०) जैनेन्द्र की महावृत्ति-मूल सूत्रपाठ पर (सं०, १२०००) बृहत्कथाकोश (सं०, १५७ कथाएँ) वि० सं० ९८९ ज्वालामालिनीकल्प (सं०, शक ८६१), वज्रपंजराधना (सं०), श्रुतावतारकथा (सं०) आदिपुराण चम्पू (क०, शक ८६३) विक्रमार्जुनविजय या पंपभारत (क०) विक्रमार्जुनविजय या पंपभारत (क०) प्राकृत कथाकौमुदी (प्रा०) यशस्तिलकचम्पू (सं०, शक ८८८२), उपासकाध्ययन ( सं०), पार्श्वनाथचरित्र, अध्यात्मतरंगिणी या योगप्रदीप, योगमार्ग, ध्यानपद्धति, (४०) स्याद्वादोपनिषद्, युक्तिचिन्तामणि, न्यायविनिश्चयटीका, षण्णवतिप्रकरण, नीतिवाक्यामृत, त्रिवर्गमहेन्द्र-मातलि संजल्प, सुभाषितसंग्रह, (सब सं०) । योगीन्द्रगाथा (प्रा०, २०५) द्रव्यस्वभावप्रकाश नयचक्र (प्रा०, ४२३) षड्दर्शन प्रमाण-प्रमेयानुप्रवेश (सं०) मूलाराधना टिप्पण (सं०) तत्त्वविचार (प्रा०, ९५) चन्द्रप्रभाचरित्र काव्य (सं०) सत्वस्थान (विस्तर सत्वत्रिभंगी या विशेष सत्ता त्रिभंगी (प्रा०, ४१), कर्मप्रकृति (प्रा०, ३७), पंचपरुवणा (प्रा०, ३७)
पंप (आदिपंप) (९४१ ई०)
श्रीचन्द्रमुनि (९४१-८६६ ई०) श्रीचन्द्रमुनि (९४१-८६ ई० सोमदेवसूरि (९४५-९७५ ई०)
देवेन्द्र (ल० ९५० ई०) माइल्ल धवल , शुभचक्र जयनन्दि वसुनन्दियोगी (ल० ९५० ई०) वीरनन्दि आचार्य कनकनन्दि
-२७९ -
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org