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सम्पादक मण्डलके सभी विद्वानोंका आभारी हूँ । अभिनन्दन ग्रन्थके सम्पादन में सभी सम्पादकोंने जो रुचि दिखायी है तथा अपना अमूल्य समय देकर पूरे ग्रन्थका सम्पादन किया है, यह सब पं० वंशीधरजी व्याकरणाचार्य के प्रति उनकी अनन्य निष्ठा एवं श्रद्धाका ही सुपरिणाम है। माननीय डॉ० कोठियाजी एवं बाबूलालजी फागुल्ल दोनों ही विशेष रूपसे धन्यवादके पात्र हैं, वास्तवमें उन्हींकी लगन एवं रुचिके कारण यह अभिनन्दन ग्रन्थ इतने अल्प समयमें हमारे सामने मूर्तरूप में आ सका ।
अन्त में अभिनन्दन ग्रन्थके सभी सम्पादक एवं सदस्य पं० बंशीधरजी व्याकरणाचार्यके दीर्घ जीवनकी कामना करते हुये यही अपेक्षा करते हैं कि उनकी लेखनी इसी प्रकार अनवरत रूपसे चलती रहे और समाजका मार्ग दर्शन करती रहे।
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(डॉ०) कस्तूरचन्द्र कासलीवाल कृते सम्पादक मण्डल
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