SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 186
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २ / व्यक्तित्व तथा कृतित्व : ४७ कोठिया न्यायाचार्य सिद्धान्तके क्षेत्रमें षट्खण्डागम आदि सिद्धान्त-ग्रन्थोंके सम्पादक स्व० पं० बालचन्द्र सिद्धान्तशास्त्री हैदराबाद, पुराणोंके सम्पादन तथा साहित्यिक रचनाओंके क्षेत्रमें डॉ० पन्नालाल साहित्याचार्य सागर, सम्पादन - प्रकाशनके क्षेत्रमें पं० मोहनलाल शास्त्री, जबलपुर और इतिहासके क्षेत्र में स्व० पं० परमानन्द शास्त्री, दिल्लीकी साहित्यिक सेवाएँ जैन जगतमें सदैव स्मरणीय रहेंगी । शासकीय शिक्षा संस्थाओं में विभागाध्यक्षोंके रूपमें डॉ० गोकुलचन्द्र वाराणसी, डॉ० भागचन्द्र भास्कर, नागपुर, डॉ० रतनचन्द्र जैन भोपाल, डॉ० पवनकुमार जैन सागर, तथा महाविद्यालयोंकी शैक्षणिक सेवामें संलग्न डॉ० वीरेन्द्रकुमार जैन छतरपुर, डॉ० भागचन्द्र " भागेन्दु" दमोह, प्रो० राजकुमार जैन ग्वालियर, डॉ० उदयचन्द्र जैन उदयपुर, डॉ० सनतकुमार जैन जयपुर, डाँ० श्रेयांसकुमार जैन जयपुर, डॉ० विनयकुमार जैन दमोह तथा भारतीय ज्ञानपीठके शोधाधिकारी पं० गोपीलाल "अमर" प्रभृतिकी शैक्षणिक सेवाओंके लिए समाज उन्हें सदैव स्मरण रखेगा । डॉ॰ बालचन्द्र जैन पुरातत्त्वके क्षेत्रमें ऐतिहासिक उपन्यास लिखनेके क्षेत्रमें श्री नीरज जैन, बोधकथाओंके लेखन क्षेत्रमें श्री नेमीचन्द्र पटोरिया श्रीमहावीरजी, चिकित्साके क्षेत्र में प्रो० डॉ० नरेन्द्रकुमार पटोरिया बम्बई, वैद्य कामताप्रसाद गुढ़ा, पत्रसम्पादनके क्षेत्रमें डॉ० नेमीचन्द्र जैन, इन्दौरकी सेवाओंसे समाज लाभान्वित है । प्राचार्यके रूपमें डॉ० शीतलचन्द्र जैन जयपुर, पं० जयकुमार साढूमल और पं० नेमीचन्द्र खुरईके नाम उल्लेखनीय हैं । प्रतिष्ठाचार्योंमें पं० गुलाचन्द्र पुष्प टीकमगढ़, पं० जगनप्रसाद टीकमगढ़, पं० विजयकुमार शास्त्री श्रीमहावीरजी, पं० हरिश्चन्द्र साहित्याचार्यं मुरैना, पं० धर्मचन्द्र शास्त्री ग्वालियर, पं० गोविन्ददास कोठिया अहार ( टीकमगढ़), स्व० पं० शीलचन्द्र साढूमलके नाम उल्लेखनीय हैं । राष्ट्रीय सेवा करनेवाले अधिकारियोंमें श्री सुरेश जैन आय ० ए० एस० संचालक लोकशिक्षण म० प्र० शासन भोपालका नाम वहुचर्चित है। कमिश्नर कन्हैयालाल संघीका नाम भी ससम्मान लिया जाता है । राजनीतिके क्षेत्र में भी इस जातिका योगदान है । श्री रतनलाल मालवीय भू० पू० केन्द्रीय उपमन्त्री, डॉ० नरेन्द्र विद्यार्थी, भू० पू० विधायक विध्यप्रदेश, श्री कपूरचन्द्र घुवारा भू० पू० विधायक म० प्र०, महेन्द्रकुमार फुसकेले, श्री जयन्तकुमार मलैया भू० पू० विधायक, श्री प्रकाशचन्द्र जैन उच्च शिक्षा राज्यमंत्री मध्यप्रदेश और सागरके श्री दुलीचन्द्र नाहर तथा श्री विजयकुमार मलैया दमोह की राजनैतिक सेवाओंसे समाज सम्मानित है । इस समाजकी महिलायें भी शिक्षा के क्षेत्रमें पीछे नहीं हैं । डा० आशा मलैया सागर, डॉ० पुष्पलता जैन नागपुर, डॉ० सुनीता जैन आरा, डॉ० सुषमा जैन सागर, डॉ० सावित्री दमोह, डॉ० कुसुम पटोरिया नागपुर, डॉ० सुधा इन्दौर और श्रीमती शारदा जैन जयपुरके नाम शिक्षाके क्षेत्रमें और विधि तथा न्यायके क्षेत्र में श्रीमती विमला जैन न्यायाधीश भोपाल तथा चिकित्सा के क्षेत्रमें डॉ० अलका जैनके नाम उल्लेखनीय है । व्यवसाय एवं उद्योगके क्षेत्रमें बालचन्द्रचन्द्र मलैया, दानवीरोंमें जैनजातिभूषण सि० कुन्दनलालजी सागरके नाम इस समाज के विकास में सदैव सम्माननीय रहेंगे । विकास गोला पूर्वान्वयके श्रावक गोल्लागढ़ वर्तमान ( गोलाकोट) से निकलकर सर्वप्रथम बुन्देलखण्डके अंचलों में ही फैले । आरम्भमें ये महोबा और अहार एवं पपौराको ओर गये । जो श्रावक महोबाकी ओर गये वे छतरपुरके निकटवर्ती स्थानोंमें बसते गये । उर्दमउ, जगतसागर, मऊ, खजुराहो आदि उनकी निवासभूमियां रहीं । कालान्तर में ये मलहरा, दमोह, कटनी और जबलपुर तथा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012047
Book TitleBansidhar Pandita Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPannalal Jain
PublisherBansidhar Pandit Abhinandan Granth Prakashan Samiti
Publication Year1989
Total Pages656
LanguageHindi, English, Sanskrit
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size18 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy