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विश्लेषण
विश्वधर्म के रूप में जैनधर्म-दर्शन की प्रासंगिकता - डॉ. महावीर एस. जैन
एस मग्गे आरिएहि पवेइए - प्रो. कल्याणमल लोढा ध्यान साधना- जैन दृष्टिकोण 0 डॉ. नरेन्द्र भानावत
अप्पा सो परमप्पा - डॉ. हुकुमचंद भारिल्ल.
जैनदर्शन में सर्वज्ञत्व - डॉ. धर्मचंद्र जैन ६. जैन रामायण पउमचरिउ' और हिन्दी रामायण "मानस' O डॉ. ल मीनारायण दुबे 'अभिधान राजेन्द्र कोशस्तथा जैन कोश विद्या' - डॉ. रूद्रदेव त्रिपाठी
__ स्याद्वाद - दृष्टि - पं. शिवनारायण गौड़ ऋग्देव तथा तीर्थंकर ऋषभदेव 0 डॉ. प्रह्लाद नारायण बाजपेयी जैनधर्म में प्रायश्चित एवं दंड व्यवस्था - डॉ. सागरमल जैन भारतीय संस्कृति में जैन-दर्शन का अवदान O डॉ. मुलखराज जैन भगवान महावीर का समन्वयवाद, विश्वकल्याण - डॉ. श्रीमती कोकिला भारतीय
जीवन मूल्य और जैनधर्म 0 डॉ. नरेन्द्र शर्मा 'कुसुम'
जैनदर्शन और धर्म का बीज - डॉ. श्री रतनचंद जैन उन्मुक्त संवाद की अमोघ दृष्टि - स्याद्वाद - डॉ. विश्वास पाटिल
जैन दर्शन में मोक्ष की अवधारणा - डॉ. अमृतलाल गांधी महावीर की उन्मुक्त विचारक्रांति, अनेकांतदर्शन 0 डॉ. राजेन्द्रकुमार बंसल जैनकला की भारतीय-संस्कृति को अद्भूत देन - डॉ. सुरेन्द्रकुमार आर्य
णमोकार मंत्र का महात्म्य एवं प्रभाव - डॉ. रवीन्द्रकुमार जैन प्राचीन जैन साहित्य के संदर्भ में भारतीय शासन व्यवस्था - डॉ. तेजसिंह गौड़
हिन्दी साहित्य में सत्सई परम्परा 0 डॉ. दिलीप पटेल
आचार्य नेमिचंदसूरि का व्यक्तित्व - डॉ. हुकुमचंद जैन जैन एवं मसीही- योग तुलनात्मक अध्ययन - डॉ. एरलिक बारलो शिवाजी भगवान महावीर की जन-जीवन को देन - डॉ. शोभनाथ पाठक
जैनधर्म एवं योग - डॉ. मायारानी आर्य २६. जैन सिद्धांत की त्रिवेणी - अहिंसा, अनेकांत और अपरिग्रह - डॉ. दिव्या भट्ट
जैन दर्शन में आत्मवाद - डॉ. श्रीमती सूरजमुखी जैन जैन दर्शन में आत्मवाद - डॉ. पन्नालाल साहित्याचार्य
स्याद्वाद की दृष्टि - डॉ. स्वर्णकिरण भारतीय साहित्य में जैन वाङमय का स्थान 0 डॉ. विष्णुकांत
ग्रंथनायक के हस्ताक्षर 0
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