________________
चौड़ाई है 13 - दंड तो उसका क्षेत्रफल बताओ ।" [9, VII, 36]
"धनुष के समान आकृति का क्षेत्रफल बाण और प्रत्यंचा की लंबाई को जोड़ने और फिर बाण की लंबाई के आधे से गुणा करने पर प्राप्त होता है। बाण की लंबाई के वर्गमूल के पाँच गुने में प्रत्यंचा की लंबाई के वर्ग को जोड़ने से धनुष की लंबाई पता चलती है।" [9, VII, 43]
इस सूत्र में वृत्त खंड और इसी वृत्तखड से प्राप्त जीवा की लंबाई प्राप्त करने के सान्निकट सूत दिये हुए हैं जहां धनुष, प्रत्यंचा, बाण क्रमशः वृत्त के चाप, जीवा और व्यास के खंड हैं । व्यास का यह खंड वृत्तखंड के भीट मत है लौर जीवा पर लंग योग है।
चित्र :8 "धनुष और प्रत्यंचा की लंबाई के वर्गों का अंतर पाँच से विभाजित करने पर और फिर इसका वर्गमूल निकालने पर बाण की लंबाई ज्ञात करने के लिए बाण की लंबाई के वर्ग को 5 से गुणा करके, धनुष की लंबाई के वर्ग से घटाओ और फिर इस अंतर का वर्गमूल निकालो।" [9, VII, 45
S वृत्त खंड= (a+h).
1= / She + ,
a =12 - 5h, l, ah क्रमशः चाप, जीवा और व्यास का खंड हैं। इन सूत्रों से निम्नलिखित प्रश्न हल किये जा सकते हैं ,
"धनुष के समान आकृति में प्रत्यंचा की लंबाई है 26 और बाण की लंबाई 13 है। क्षेत्रफल और धनुष की लंबाई बताओ।" [9, VII, 44].
"यदि इसी धनुष के बाण की लंबाई अथवा प्रत्यंचा की लंबाई अज्ञात हो तो दोनों का मान बताओ।" [9, VII. 46] सही सूत्र इस प्रकार होंगे,
! =V6he + a, h=
V ol. [9. VII, 707, 73, 741 a = ( 1 - 6A,
S वृतखंड=anv 10 "पहिए के रिम की जैसी आकृति का क्षेत्रफल भीतरी और बाहरी परिधि के जोड़ के आधे को पहिए की चौड़ाई से गणा
करने पर ज्ञात होता है। इसका आधा अर्धचंद्र आकृतियों का क्षेत्रफल होगा।" [9,
जैन प्राच्य विद्याएँ
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org