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卐 आचार्य श्री देशभूषण जी के अभिनन्दन में परमपूज्य जगद्गुरु जी की सम्पूर्ण शुभ___कामनाएँ । परमपूज्य जगद्गुरु जी की आज्ञा से ।
-ब्र० सर्वेश्वर चैतन्य (पुरी) 卐 आपने स्वस्ति श्री १०८ आचार्यरत्न देशभूषण जी महाराज के उपदेशों और कार्यों से
प्रभावित होकर अभिनन्दन ग्रन्थ छापने का जो निश्चय किया है और इसके लिए अनेक विद्वानों से सामग्री संकलित करने का जो श्रम किया है उससे बहुत समाधान व सन्तोष हुआ। इस ग्रन्थ को तैयार करने में आपके परिश्रम और सफलता के लिए हमारा आशीर्वाद ।
-श्री १०८ आचार्य सुबलसागर जी 卐 आचार्य देशभूषण विद्वान्, तपोनिष्ठ, महाप्रभावक साधु हैं। धर्म की प्रभावना करते हुए दीर्घायु को प्राप्त हों, ऐसी शुभकामना है ।
-आचार्य सन्मति सागर जी (पट्टशिष्य आचार्य महाबीर कीति महाराज)
फ़ इस ग्रन्थ में अधिक-से-अधिक स्थायी, उपयोगी, प्रकाशित और अप्रकाशित सम्पूर्ण
सूत्र-पाठ तथा आबाल-वृद्ध के पढ़ने योग्य शिक्षाप्रद सामग्री रहे । यह ग्रन्थ बाहुबली की भाँति नूतन सतत शांतिप्रदायक बना रहे ।
अभिनन्दन इस ग्रन्थ को, बारम्बार प्रणाम । आचार्यरत्न का लोक में, सदा रहेगा नाम । देव आप्त हितकर कहा, शस्त्र ध्यान निज ज्ञान । भूषण भारत का बना, सिद्धि-सिन्धु अम्लान ।
__-क्षु० सिद्धसागर जी मोजमाबाद, जयपुर (राजस्थान)
卐 महान् तपस्वी, सरस्वती के वरद् पुत्र, बाल ब्रह्मचारी आचार्यरत्न श्री देशभूषण महा
राज के अभिनन्दन ग्रन्थ का प्रकाशन सुनकर बड़ी प्रसन्नता हुई। उनके जैसे महान् सन्त से जैन धर्म और संस्कृति अत्यन्त उपकृत है। भविष्य में भी उनके आदर्शमय मार्गदर्शन के अभिलाषी हम अभिनन्दन ग्रन्थ की सफलता की शुभकामना करते हुए
आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन प्रन्या
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