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________________ संसद् सदस्य ( राज्य सभा ) २४ आचार्यश्री का व्यक्तित्व न केवल धार्मिक है वरन् उन्होंने लोगों को निर्भीक और सुधार -- वादी बनने का उपदेश भी दिया है। महाराजश्री के इन उपदेशों का समाज पर भारी प्रभाव पड़ा है तथा लाखों लोगों को सदाचारी जीवन व्यतीत करने की प्रेरणा हुई है । आचार्यरत्न देश की एकता और अखंडता के लिये प्रतिबद्ध हैं । उनके जीवन का यही संदेश है कि सत्य कहो और निर्भीक बन कर अपने मार्ग पर दृढ़ता से आगे बढ़ो । आस्था और चिन्तन जीवन के सर्वांगीण विकास के लिये आवश्यक है । धर्म पर आधारित जीवन पद्धति युग की आवश्यकता है । मैं आचार्यरत्न के चरणों में अपने श्रद्धासुमन अर्पण करते हुए अभिनन्दन ग्रन्थ की सफलता की कामना करता हू । Jain Education International संसद् सदस्य ( राज्य सभा ) Kelown दूरभाष: ३८११२६. १० डा० राजेन्द्रप्रसाद रोड नई दिल्ली- ११००११ दूरभाष: ७५६१६, ७४१८८ स्थायी पता : भारतीय जनता पार्टी कार्यालय मुकर्जी चौक, भोपाल ( म०प्र०) दिनांक १६.३.८६ आचार्य जी एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्ति हैं तथा उन्होंने राष्ट्र की अमूल्य सेवा की है । आज हमारे देश और भारतीय समाज में जो सामाजिक कुरीतियां व्याप्त हैं, इनको निर्भीकता से ही समाप्त किया जा सकता है । जाति-पांति, साम्प्रदायिकता, क्षेत्रीयता आज हमारे राष्ट्र के लिए सबसे बड़ा खतरा है और यदि इनका मुकाबला निडरता से न किया गया तो राष्ट्रीय एकता को भी खतरा आ सकता है । आचार्य रत्न श्री देशभूषण जी महाराज को अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित करना एक ऐसे महापुरुष का सम्मान है जिसने राष्ट्र की विभिन्न क्षेत्रों में बहुमूल्य सेवाएं की हैं। मुझे पूरी आशा है और मेरी शुभकामनायें हैं कि अभिनन्दन ग्रन्थ समिति अपना ध्येय प्राप्त करने में सफलता प्राप्त करे । ह०/प्यारेलाल खंडेलवाल For Private Personal Use Only ३८, अशोक रोड, नई दिल्ली- ११०००१ २ अप्रैल १९८६ ह० / ( सत्यप्रकाश मालवीय ) आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज अभिनन्दन ग्रन्थ www.jainelibrary.org
SR No.012045
Book TitleDeshbhushanji Aacharya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR C Gupta
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year1987
Total Pages1766
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size56 MB
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