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________________ संसद सदस्य (लोक सभा) सी-२/३० तिलक मार्ग नई दिल्ली आज के अशान्त वातावरण में आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी महाराज जैसे सन्तों की उपदेश वाणी ही एकमात्र शान्ति स्थापना का उपाय हो सकती है । जैन समाज की ओर से आयोजित यह ज्ञानपरक अनुष्ठान हम सब के लिए गौरवपूर्ण है । मैं आचार्यश्री द्वारा दीर्घकाल तक समाज को मार्गदर्शन दिए जाने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ। आशा है वर्तमान अभिनन्दन ग्रन्थ “आस्था और चिन्तन" आचार्यश्री के मिशन को पुरस्सर करता हुआ जैन धर्म एवं दर्शन का अमूल्य कोष सिद्ध होगा। रामाश्रय प्रसाद सिंह संसद् सदस्य (लोक सभा) ४८, नार्थ एवेन्यू, नई दिल्ली बटव्याने आचार्य श्री देशभूषण जी ने अपनी सजग चेतना से भारतीय जनमानस को निर्भीकता एवं अहिंसा का सन्देश दिया है। सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन करने में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रही है। जैन समाज ने इस महान् तपस्वी के कर-कमलों में "आस्था और चिन्तन" नामक अभिनन्दन ग्रन्थ समर्पित करने का जो संकल्प किया है मैं उस अनुष्ठान के प्रति अपनी हार्दिक शुभकामनायें अर्पित करता हूँ। वीरेन्द्र सिंह आस्था का अर्घ्य Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012045
Book TitleDeshbhushanji Aacharya Abhinandan Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorR C Gupta
PublisherDeshbhushanji Maharaj Trust
Publication Year1987
Total Pages1766
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size56 MB
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