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रसवन्तिका (पृष्ठ १--४०)
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१. अध्यात्म-पुरुष २. इन्द्रियजयी श्री देशभूषण जी ३. क्षितिज से उभरा सूरज ४. हे सरस्वती-पुत्र ५. स्तुति-पंचक ६. हे भारत के संत तेजस्वी ७. धन्य देश वह ८. परमहंस आचार्यरत्न को शत-शत बार प्रणाम ९. हे तपोरत्न, भारत-भूषण १०. अभिनन्दन ११. अभिनन्दन १२. कोटि-कोटि प्रणाम १३. स्तवन "१४, कर रहा विश्व वन्दन है १५. हे भविष्य के द्रष्टा १६. वन्दन करता हूं बार-बार १७. अभिनन्दन १८. हे आलोक-पुरुष १६. अभिनन्दन होते रहें २०. शत-शत अभिनन्दन २१. आचार्यरत्न श्री देशभूषण जी २२. हे आचार्य आपको जय हो २३. अर्पित चरण श्रद्धा-सुमन २४. प्रखर सूर्य २५. इस मुनिवर को नमन करो २६. गुरु-गौरव आध्यात्मिक भूषण २७. संस्कृति के महासूर्य २८. मेरा नमन करो स्वीकार २६. आस्था के प्रतीक ३०. जयकार तो बोलो ३१. उन पवित्र पदाम्बुरुह में विनय सहित प्रणाम है ३२. शत-शत वन्दन ३३. सचल तीर्थ ३४. हे युग-कल्याणी ३५. सार्थवाह
डॉ० रमेशचन्द्र गुप्त श्री सुमतप्रसाद जैन डॉ० सुरेशचन्द्र गुप्त डॉ० उदयचन्द्र जैन डॉ. योगेन्द्रनाथ शर्मा 'अरुण' श्री जयप्रकाश 'जय' डॉ० कस्तूरचन्द्र 'सुमन' श्री कल्याण कुमार जैन 'शशि' श्री नेमिचन्द्र जैन 'विनम्र' डॉ. कैलाश 'कमल' आर्यिका अभयमती जी श्री विमलकुमार जैन सोरया मुनि सुमन्त भद्र श्री शर्मनलाल जैन 'सरस' डॉ. सत्यप्रकाश बजरंग श्री हजारीलाल काका बुंदेलखंडी डॉ० शोभनाथ पाठक डॉ. रवेलचन्द आनन्द श्री सुव्रत मुनि शास्त्री डॉ० सुरेश गौतम डॉ. प्रकाश सिंघई श्री राजमल पवैया श्री मिश्रीलाल जैन श्री जवाहरलाल 'भारत' श्री मैसी निशान्त श्री वसन्त कुमार जैन श्री प्रभात जैन श्री शरदचन्द्र शास्त्री श्री सुमतप्रसाद जैन श्री सुधेश जैन श्री मदन शर्मा 'सुधाकर' श्री दामोदर चन्द्र डॉ० रमेशचन्द्र गुप्त कु० रुचिरा गुप्ता डॉ. वीणा गुप्ता
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