________________
अणुव्रत और अणुव्रत आन्दोलन
३१५.
अणुव्रत : महिलाओं के लिए १. मैं दहेज का प्रदर्शन नहीं करूंगी और न किसी के यहाँ दहेज देखने जाऊँगी। २. मैं अपने लड़के-लड़कियों की शादी में रुपये आदि लेने का ठहराव नहीं करू गी। ३. मैं आभूषण आदि के लिये पति को बाध्य नहीं करूंगी। ४. मैं सास-ससुर आदि के साथ कटु-व्यवहार होने पर क्षमा-याचना करूंगी। ५. मैं अश्लील व भद्दे गीत नहीं गाऊँगी। ६. मैं मृतक के पीछे प्रथा-रूप से नहीं रोऊँगी। ७. मैं बच्चों के लिए गाली या अभद्र शब्दों का प्रयोग नहीं करूंगी।
अणुव्रत : शिक्षकों के लिए १. मैं विद्यार्थी के बौद्धिक विकास के साथ उसके चरित्र विकास का ध्यान रखेगा। २. मैं अवैध उपायों से विद्यार्थियों के उत्तीर्ण होने में सहायक नहीं बनेगा। ३. मैं अपने विद्यालय में दलगत राजनीति को स्थान नहीं दूंगा, और न इसके लिए विद्यार्थियों को
प्रोत्साहित करूंगा। ४. मैं मादक व नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करूंगा। ५. मैं शिक्षा प्रसार के लिए प्रति सप्ताह एक घण्टा निःशुल्क सेवा दंगा।
श्रमिक अणुव्रत १. मैं अपने कार्य में प्रामाणिकता रमूंगा। २. मैं हिंसात्मक उपद्रवों एवं तोड़-कोड़मूलक प्रवृत्तियों का आश्रय नहीं लूंगा। ३. मैं मद्यपान व धूम्रपान नहीं करूँगा तथा नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करूंगा। ४. मैं जुआ नहीं खेलूंगा। ५. मैं बाल-विवाह, वृद्ध-विवाह, मृत्यु-भोज आदि कुरीतियों को प्रश्रय नहीं दूंगा।
कृषक अणुव्रत १. मैं पारिश्रमिक वितरण में अवैध उपायों को काम में नहीं लघा । २. मैं अपने आश्रित पशुओं के साथ क्रूर व्यवहार नहीं करूंगा। ३. मैं समस्याओं के निदान के लिए हिंसात्मक तथा अवैधानिक उपायों को काम में नहीं लगा। ४. मैं विवाह व अन्य आयोजनों में अपव्यय नहीं करूँगा। ५. मैं मादक व नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा। ६. मैं सामाजिक कुरूढ़ियों को प्रश्रय नहीं दूंगा।
साहित्यकारों व कलाकारों के लिये अणुव्रत १. मैं साहित्य व कला का सर्जन केवल व्यवसाय-वृद्धि से नहीं अपितु सत्यं-शिवं-सुन्दरं की भावना से
करूँगा। २. मैं अश्लील साहित्य व कला का सर्जन नहीं करूंगा। ३. मैं दलगत राजनीति एवं साम्प्रदायिक भावना से साहित्य व कला का सर्जन नहीं करूंगा।
चुनाव आचार संहिता : मतदाता के लिए अणुव्रत १. मैं रुपये व अन्य प्रलोभन से मतदान नहीं करूंगा। २. मैं जाति-धर्म आदि के आधार पर मत नहीं दूंगा।
at
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org