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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : तृतीय खण्ड
के किसी भी पक्ष या अंग में यथा--कला, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, दर्शन आदि में परिवर्तन व सामाजिक संगठन के स्वरूपों और नियमों में होने वाले परिवर्तन सम्मिलित होते हैं । सामाजिक परिवर्तन की महत्त्वपूर्ण विशेषतायें
नील जे० स्मेलसर के अनुसार सामाजिक परिवर्तन की महत्वपूर्ण विशेषताएँ निम्न हैं१. आधुनिक समाजों में परिवर्तन की गति बहुत तीव्र होती है। २. परिवर्तन एक क्रम है। वे अचानक घटित होने वाली घटनायें नहीं हैं। ३. आधुनिक परिवर्तन से उत्पन्न होने वाले प्रभाव विशेष रूप से महत्त्वपूर्ण माने जाते हैं। ४. प्रायः आधुनिक परिवर्तन नियोजित परिवर्तन होते हैं । लेकिन यह हो सकता है कि एक नियोजित परि
वर्तन से कई और परिवर्तन समाज में आ जाएँ जिनकी पहले आशा भी नहीं की गयी हो । ५. सामाजिक विकास और नई तकनीकी प्रयोग के बढ़ने के साथ ही समाज में उसी अनुपात से और
अधिक सामाजिक परिवर्तन होने लगते हैं । ६. सामाजिक परिवर्तन से न केवल व्यक्तिगत रूप से व्यक्ति प्रभावित होते हैं, अपितु सम्पूर्ण सामाजिक
संरचना तथा व्यवस्था की कार्य पद्धति में परिवर्तन आ जाता है।
सामाजिक परिवर्तन की प्रवृत्ति
१. सामाजिक परिवर्तन को भविष्यवाणी नहीं की जा सकती। कोई नहीं कह सकता कि समाज में कौन
कौन से परिवर्तन होंगे और कब-कब ? २. सामाजिक परिवर्तन जटिल होते हैं। ३. सामाजिक परिवर्तन अनिवार्य रूप से होने वाली घटना है। ४. सामाजिक परिवर्तन सार्वभौमिक हैं। ५. सामाजिक परिवर्तन की गति तुलनात्मक है ।
सामाजिक परिवर्तन के कई कारण
भौगोलिक, जैविकीय, जनसंख्यात्मक, प्रौद्योगिक, सांस्कृतिक, मनोवैज्ञानिक, आर्थिक, युद्ध और क्रान्ति आदि हैं। सामाजिक परिवर्तन के पाँच रूप--प्रक्रिया, विकास, प्रगति, सुधार तथा क्रान्ति हो सकते हैं। सामाजिक परिवर्तन का विरोध
__सुधारकों का यह अनुभव रहा है कि परिवर्तन लाने के लिए साधन, कार्यकर्ता जुटाने व कार्य करने से ही उन्हें सफलता नहीं मिलती; अपितु उन्हें कई कोनों से विरोध का सामना करना पड़ता है । उदाहरणार्थ, सरकारी कर्मचारी, न्यायालय, धार्मिक संस्थाएँ, प्रेस, समुदाय के नेता उनका विरोध कर सकते हैं और वे परिवर्तन के सामाजिक नियन्त्रणों के रूप में कार्य कर सकते हैं । वे परिवर्तन की प्रवृत्ति व दिशा को भी मोड़ सकते हैं। वे उसके प्रभाव की गति व मात्रा को भी बदल सकते हैं।
सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा
सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के परस्पर सम्बन्धों को हम निम्न रूपों में विश्लेषित कर सकते हैं--- (क) किसी देश में सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए अनिवार्य शर्त या आवश्यकता के रूप में शिक्षा । (ख) किसी देश में सामाजिक परिवर्तन लाने के साधन या अभिकर्ता के रूप में शिक्षा । (ग) एक देश में सामाजिक परिवर्तन के प्रभाव के रूप में शिक्षा । (घ) सामाजिक परिवर्तन के लिए आवश्यक शर्त के रूप में शिक्षा ।
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