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२५० कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
चौकीदार
छात्रावास में चौकीदार की सेवाएँ भी बहुत महत्त्वपूर्ण हैं । यहाँ दो चौकीदार नियत हैं, जिनकी दिन में ६ घण्टा व रात्रि में ६ घण्टा ड्यूटी क्रमशः होती है। यद्यपि छात्रावास के चारों तरफ पक्की दीवारें बनी हुई हैं फिर भी सतर्कता की दृष्टि से चौकीदार का होना महत्त्वपूर्ण है । कोई छात्र बिना आज्ञा के छात्रावास की चार दीवारी से बाहर नहीं जा सकता है । उसे मुख्य गृहपति या उपमुख्य गृहपति से लिखित स्लिप मिलेगी, उस स्लिप को दिखाने पर ही वह छात्रावास की चारदीवारी से बाहर जा सकता है। बाहर से आगन्तुक महानुभावों से परिचय पूछना और उन्हें जिनसे मिलना है वहाँ तक उनको मार्गदर्शन देना भी चौकीदार का कार्य है ।
छात्रावास कार्यालय
मुख्य भवन के बीचों-बीच छात्रावास का कार्यालय है, जहाँ मुख्य अधीक्षक व एक क्लर्क हर समय रहते हैं । आगन्तुक सज्जन को सारी जानकारी यहीं से मिलती है। छात्रावास के अन्य गृहपत्तियों के लिए आदेश निर्देश यहाँ से प्राप्त होते हैं ।
लकड़ी का स्टाक
भोजनशालाओं के लिए लकड़ी का स्टाक हर समय बना रहता है। इसके लिए छायादार टीनशेड व एक अलग से कमरा बना हुआ है । प्रायः लकड़ी या तो पास वाले गाँवों से ऊँटों द्वारा आती है या आरा मशीन मालिक से खरीद ली जाती है।
राशन वितरण
भोजनशालाओं के वितरण के लिए एक कोठारी नियुक्त है। छात्रसंख्या के अनुसार राशन देने का काम कोठारी करता है । छात्रों की संख्या के अनुसार निर्धारित राशन देने की व्यवस्था है ।
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