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कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
दिनचर्या
छात्रों की दिनचर्या बड़ी नियमित है। पूरे दिन की दिनचर्या का विभाजन इस प्रकार से किया गया हैप्रात: ४.३० से ५.१५ तक शौच, मंजन, स्नान व कमरे की सफाई
५-१५ से ७-०० अध्ययन ७-१५ से ७-३०
व्यायाम, मुनिदर्शन ७-३० से ३-४५
दुग्धपान ७-४५ से ८-१५ अध्ययन ८-१५ से ६-०५ सामायिक ९-०५ से ६-३० स्नान ६-३० से १०-१५ भोजन १०-१५ से १०-३० कमरे की सफाई व स्कूल तैयारी
१०-३० से २-०० विद्यालय में अध्ययन दोपहर २-०० से २-३० तक (अल्पाहार) दोपहरी वितरण
२-३० से ५-०० तक विद्यालय में अध्ययन सायं ५-०० से ६-०० तक शौच, स्नान, खेल, औषधालय आदि
६-०० से ६-४५ भोजन ६-४५ से ७-१५ भ्रमण ७-१५ से ७-३० प्रार्थना व उपस्थिति ७-३० से ६-३० अध्ययन
९-३० से ४-३० तक शयन ऋतुओं के अनुसार समय में परिवर्तन किया जाता है।
रात्रि
भोजन व्यवस्था
छात्रावास की भोजन व्यवस्था अत्यन्त सुन्दर है। विद्यार्थियों को प्रतिदिन सादा, स्वच्छ व देशी भोजन दिया जाता है । अत्यधिक मिर्च-मसाले का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हर चीज ताजा ही काम में ली जाती है। देशी गेहूँ, शुद्ध घी, बगीचे की आयी हुई एकदम ताजा सब्जी छात्रों के स्वास्थ्य को बहुत लाभ पहुँचाती है।
प्रात: नाश्ते में प्रतिदिन ७-३० बजे पावभर दूध एवं उसके साथ बिस्कुट, टोस्ट या ऋतु के अनुसार मक्की की घाट या खिचड़ी दूध के साथ दी जाती है। ठीक ६-३० बजे प्रातः को भोजन दिया जाता है। प्रात: भोजन में दाल व एक सब्जी व फुलके दिये जाते हैं। साथ में कभी-कभी पोदीने या धनिये की चटनी और नींबू दिया जाता है।
दिन में ठीक दो बजे दोपहरी (अल्पाहार) दी जाती है, जिसमें क्रमशः इडली, उपमा, नमकीन, चावल, ककड़ी, पपीता, खजूर, मूंगफली व चने दिये जाते हैं।
सायं ६-०० बजे सन्ध्या का भोजन दिया जाता है, जिसमें हरी सब्जी, दाल, फूलके व चावल प्रतिदिन दिये जाते हैं।
इसके अलावा महिने में ४ बार मिष्ठान व नमकीन दिया जाता है। ..
भोजन की व्यवस्था अच्छी है । केसरीमलजी सुराणा प्रतिदिन भोजन का स्वयं निरीक्षण करते हैं। इस सुन्दर व्यवस्था के कारण छात्रावास में छात्रों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। - - -
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