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कर्मयोगी श्री केसरीमसजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ द्वितीय खण्ड
क्षौर कला केन्द्र
छात्रावास की ओर से स्थाई रूप से क्षौर कला केन्द्र है । जहाँ पूरे दिनभर के लिए नाई रहता है । जहाँ पर छात्र के बाल कटिंग की उत्तम व्यवस्था है। यहाँ छात्रों को लम्बे-लम्बे बाल ( हिप्पीकट वास ) नहीं रखने दिये जाते हैं । बाल कटिंग के अलावा नाई की अन्य सेवाएँ भी हैं। किसी विद्यार्थी के चोट लगने पर, दुःखने पर मालिश व्यवस्था नाई करता है । साथ ही साथ बीमार छात्रों की सेवा एवं अतिथियों की सेवा, भोजन व नाश्ते का प्रबन्ध करता है ।
औषधालय
छात्रावास की तरफ से एक बड़े अस्पताल का निर्माण भी किया गया है जहाँ २४ घंटे के लिए एक दक्ष डाक्टर और कम्पाउण्डर रहता है। उनका निवास भी औषधालय के भवन में ही है। किसी भी समय बीमारों की • सेवा, औषध-व्यस्था, खान-पान व्यवस्था के लिए उत्तम व्यवस्था है । डाक्टर के साथ एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हर समय रहता है जो बीमारों की सेवा में लगातार बना रहता है व बीमारों के पास सोया रहता है ।
१६ पलंग का एक औषधालय है। ३५ वर्षों से अनुभवी डाक्टर बी० एन० वशिष्ठ अपनी अमूल्य सेवा दे रहे हैं।
धोबी
छात्रावास की तरफ से दो धोबी नियुक्त हैं जो छात्रों के कपड़े धोने व प्रेस करने में लगे रहते हैं । यद्यपि छात्रावास की तरफ से प्रतिछात्र नियत कपड़ों के अलावा कोई विशेष कपड़े धुलाना चाहे तो उसके हाथ वर्ष खाते से पैसा दे दिया जाता है।
स्नान व कपड़े धोने की व्यवस्था
छात्रावास में छात्रों के नहाने की उत्तम व्यवस्था है। छात्रावास के दक्षिण में ५० फीट दूरी पर एक कुआँ - बना हुआ है जहाँ पम्पिंग सेट लगा हुआ है। इसी कुएँ के पास एक बड़ा हौज बना हुआ है एवं उसमें टोंटियाँ लगी हुई है । हौज के पास ही काफी भूमि पर पक्के पत्थरों का फर्श है जहाँ विद्यार्थी काफी संख्या में कपड़े धो सकते हैं। इसी हौज के पास एक खुला हौज बना दिया गया है जहाँ पानी का स्टाक कर लिया जाता है, जिससे काफी संख्या में छात्र स्नान कर सकते हैं तथा निवृत्त हो सकते हैं। इसी हौज के पास एक तरण-ताल बना हुआ है, जो छोटे बच्चों के स्नान के लिए व तैरना सीखने के लिए बड़ा उपयोगी है ।
अन्य सुविधायें
छात्रावास की तरफ से प्रत्येक विद्यार्थी को उसके कमरे में एक खाट मिलता है व पुस्तकें, कापियां आदि सामान रखने के लिए आलमारी मिलती है जो प्रत्येक कमरे में स्थित है ।
सुविधा की दृष्टि से छात्रावास की तरफ से एक स्टोर है, जहाँ विद्यार्थियों को किताब, कापियाँ, पेन, स्याही, स्केल, साबुन, तेल, मंजन, गोली, बिस्कुट व उनके उपयोग का सारा सामान मिलता है। गृहपति से लिखित में आज्ञा प्राप्त कर विद्यार्थी वहाँ से अपनी इच्छित सामग्री प्राप्त करता है । गृहपति जिन चीजों को दिलाना वाजिब समझते हैं उन्हें वही सामान मिलता है। स्टोर में संस्थान की तरफ से एक कर्मचारी नियुक्त है, जो हर समय वहीं रहता है । वर्षानुसार छात्रों की संख्या
सन्
*૨**
१६४५
१९४६
pero
१९४८
छात्रसंख्या
५
२१
३५
४५
६१
For Private & Personal Use Only
सन्
१६४६
१९५०
१६५१
१६५२
१६५३
छात्रसंख्या
७५
८७
१०१
१२५
१४१
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