________________
श्री सुमति शिक्षा सदन उच्च माध्यमिक विद्यालय, राणावास २२३
उच्च माध्यमिक विद्यालय हेतु प्रथम वेतन शृंखला के वरिष्ठ अध्यापकों के पद अभी शिक्षा विभाग द्वारा स्वीकृत नहीं हुए हैं। पत्र-व्यवहार निरन्तर चालू है और विश्वास है कि ये पद भी शीघ्र ही स्वीकृत हो जायेंगे, किन्तु विद्यालय की प्रबन्ध समिति द्वारा वरिष्ठ अध्यापकों के अस्वीकृत पदों तथा अन्य पदों पर अस्थायी नियुक्तियाँ समय-समय पर भी की जाती है ताकि छात्रों को अध्ययन में किसी भी तरह का नुकसान नहीं हो। इस विद्यालय को हाईस्कूल के रूप में क्रमोन्नत होने से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालय बनने और वर्तमान चार प्रधानाध्यापकों यथाडॉ० दयालसिंह जी गहलौत, श्री चन्द्रदीपसिंह जी चौहान, श्री गजमल जी सिंघवी और श्री भंवरलाल जी आच्छा का कुशल मार्गदर्शन व नेतृत्व मिला है। श्री आच्छा जी वर्तमान में भी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य कर रहे हैं । ३० जून तक रहता है । ३१ से मार्च तक रहता है। विद्यालय का समय मौसम परिवर्तन के अनुसार बदलता रहता है । मोटे रूप में विद्यालय का समय १ अप्रेल से १५ अगस्त तक प्रातः ७ से १२ बजे तक रहता है और १६ अगस्त से ३१ मार्च तक प्रातः १०-३० बजे से सायं ४-३० बजे तक रहता है ।
विद्यालय सत्र व समय — विद्यालय का शैक्षणिक सत्र सामान्यतया १ जुलाई से सरकारी व विभागीय आदेश से तिथि में परिवर्तन भी संभव है। वित्तीय सत्र १ अप्रेल से
प्रवेश नियम व शाला शुल्क - विद्यालय में छात्रों को प्रवेश बिना किसी धर्म, जाति, वर्ण और लिंग के भेदभाव से दिया जाता है। नये प्रवेश सामान्यतः जून के अन्तिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक प्रतिवर्ष निर्धारित तिथि के अनुसार दिये जाते हैं । स्थान सीमित होने पर अथवा विशेष कारण उपस्थित होने पर विद्यार्थी की योग्यता की जाँच कर प्रवेश दिया जाता है । शाला शुल्क कक्षा के अनुसार अलग-अलग निर्धारित हैं । कुल शुल्क दो किश्तों में देय है । प्रथम किश्त प्रवेश के समय जुलाई के प्रथम सप्ताह में और द्वितीय किश्त जनवरी माह में ली जाती है । समय पर शाला शुल्क जमा नहीं करने पर छात्र का नाम शाला से पृथक कर दिया जाता है जो नियमानुसार देय राशि, "अर्थदण्ड और एक रुपया पुनः प्रवेश शुल्क के जमा कराने पर ही पुनः प्रवेश दिया जा सकता है।
शुल्क- मुक्ति और छात्रवृत्तियाँ - अध्ययनरत छात्रों में से उन छात्रों को जो निर्धन हैं, अनुसूचित जाति व जनजाति के हैं अथवा प्रतिभावना छात्र हैं तो ऐसे छात्रों को पाठनशुल्क मुक्ति दी जाती है और छात्रवृत्तियाँ भी प्रदान की जाती है ।
पाठन शुल्क से मुक्ति कक्षा की छात्र संख्या के दस प्रतिशत छात्रों को प्रतिवर्ष दी जाती है । निर्धन छात्रों को पाठन शुल्क के अलावा अन्य शुल्क निर्धन छात्र कोष से प्रदान किया जाता है ।
अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को राज्य सरकार के प्रावधानानुसार प्रतिवर्ष छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। ग्रामीण प्रतिभावना छात्रवृत्ति योजना के अन्तर्गत कक्षा आठवीं उत्तीर्ण करने वाले प्रथम श्रेणी के छात्र को प्रतियोगी परीक्षा उत्तीर्ण करने पर घर पर रहकर अध्ययन करने वाले छात्र को पाँच सौ रुपया तथा छात्रावास में रहकर अध्ययन करने पर एक हजार रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से तीन वर्ष तक छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है । विज्ञान में प्रतिभावना छात्रों को भारत सरकार की ओर से राष्ट्रीय छात्रवृत्ति भी यहाँ के छात्रों को मिलती रही है । इसी प्रकार भारत सरकार की ओर से ऋण छात्रवृत्ति भी यहाँ के छात्रों को स्वीकृति हुई है।
विद्यालय गणवेश – अध्ययनरत छात्रों के लिए गणवेश नियत है, जिसे निम्नानुसार पहनकर आना अनिवार्य है ।
१ - सोमवार से शुक्रवार तक खाकी हाफपेन्ट और सफेद कमीज / बुशर्ट पहनना होगा ।
२- सफेद मोजे और ब्राउन केनवास शूज का प्रयोग करना होगा ।
३- शनिवार को गणवेश अनिवार्य नहीं है।
४ – कक्षा ९, १० व ११ के छात्र खाकी हाफपेन्ट के स्थान पर खाकी पेन्ट पहन सकते हैं ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
.0
०
www.jainelibrary.org.