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गुजरात, कर्नाटक, मद्रास, आन्ध्र, बंगाल, नेपाल, आदि स्थानों में गांव-गांव और घर-घर जाकर चन्दा प्राप्त किया है । अब तक उनके प्रयासों से ८६ लाख रुपयों का चन्दा हो चुका है । इसमें से अधिकांश रकम विभिन्न भवनों के निर्माण में व्यय हो चुकी है, किन्तु फिर भी इतनी रकम बैंकों में जमा है कि उसके ब्याज से और सरकारी अनुदान से संस्था का काम चल जाता है ।
महाविद्यालय की स्थापना का जब निश्चय हुआ तो उसमें धन की आवश्यकता अनुभव की गई, लेकिन कर्मयोगी श्री सुराणाजी कब पीछे हटने वाले थे । वे पुखराज जी कटारिया व श्रीमती सुन्दरदेवी को साथ लेकर धन संग्रह हेतु निकल पड़े। इस प्रवास में उन्होंने निम्नानुसार चन्दा प्राप्त किया, इसी से उनकी क्षमता का अनुमान लगाया जा सकता है
१. प्रथम यात्रा, १६७२ २. द्वितीय यात्रा, १६७२ ३. तृतीय यात्रा, १९७३-७४ ४. चतुर्थ यात्रा, १९७३-७४ ५. पंचम यात्रा, १६७७-७८
३.
४.
कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा अभिनन्दन ग्रन्थ : द्वितीय खण्ड
५.
६ लाख रु०
६ लाख रु० ४ लाख रु० ३1⁄2 लाख रु० ३१ लाख रु०
- बंगाल, आसाम, बिहार
३४ दिन - बिहार, नेपाल, कलकत्ता २१ दिन मेवाड़
६. षष्ठ यात्रा, १६७८ ७६
२३ लाख रु०
उपर्युक्त आठ वर्षों के इस चन्दा अभियान से ही स्पष्ट है कि संस्था को आर्थिक दृष्टि से कभी संकट नहीं उठाना पड़ा । चन्दा प्राप्त करने के लिए जिस तरह राशि प्राप्त की जाती है, सदस्य बनाये जाते हैं या अन्य तरीके से प्राप्त की जाती है, उसका स्वरूप निम्न विवरण से स्पष्ट हैक्रम सं०
१.
६.
७.
८.
ε.
१०.
सदस्य संरक्षक सदस्य आनुवंशिक सदस्य
आजीवन सदस्य
आजीवन सहायक सदस्य
१६ दिन ७६ दिन
सदस्य
सिरावणी मिति
फर्नीचर पर नामांकन
गुजरात, बम्बई
खानदेश, मेसूर, मद्रास
- मध्यप्रदेश आन्ध्रप्रदेश
छात्रवृत्ति हेतु
विवाह तथा मांगलिक अवसर
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धनराशि
२५००१ या इससे अधिक प्रदानकर्ता
५००१ से २५००० तक प्रदानकर्ता
५०० से ५००० तक प्रदानकर्ता
२५ रुपये वार्षिक या २५१ रुपये एक साथ प्रदानकर्ता
७ रुपये प्रति वर्ष प्रदानकर्ता
१२१ रुपये नाता हेतु प्रदानकर्ता
इच्छानुसार प्रदानकर्ता
सदस्यगण कार्यकारिणी समिति,
श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी मानव हितकारी संघ,
राणावास - मारवाड़ (पाली - राजस्थान )
महानुभाव,
"
भवनों तथा कमरों पर नामांकन
योजनानुसार प्रदानकर्ता
वर्तमान में संघ की जो आर्थिक स्थिति है, वह चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट द्वारा अनुमोदित आय-व्यय तथा स्थिति विवरण
के निम्न लेखों से ज्ञात हो जाती है
دو
बी० डी० गार्गीय एण्ड कम्पनी चार्टर्ड अकाउन्टेन्ट्स
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ब्यावर, ५ जनवरी १६८१
आपके संघ के मिति कार्तिक कृष्णा अमावस्या संवत् २०३६ को समाप्त होने वाले वर्ष के हिसाबों का अंकेक्षण 'किया । इसके साथ हमारे द्वारा अंकेक्षित इस वर्ष के आय-व्यय पत्रक व स्थिति विवरण की ४ प्रतियाँ भिजवा रहे हैं । इन हिसाबों के बारे में हमारा प्रतिवेदन निम्न प्रकार है
www.jainelibrary.org.