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अभिनन्दनों का आलोक
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वेशभूषा में व कर्तव्यपरायणता में गांधीजी के समान, शिक्षा क्षेत्र में मदन मोहन मालवीय के समान हैं। अभी-अभी आपने इस वृद्धावस्था में मेवाड़ यात्रा कर जो धन-संग्रह अजित किया है, उसका लोहा सभी ने स्वीकार कर लिया है। परम क्षमाशील !
हम छोटे बालक हैं, चंचल स्वभाव के हैं और त्रुटियों से भरे पड़े हैं। इस कारण अपने छात्रावासी जीवन में नाना प्रकार के दोषों से आपके मानस को हम सन्तप्त करते रहे हैं । उसके लिए हम विनम्र भाव से नतमस्तक होकर हाथ जोड़कर क्षमायाचना करते हैं। महान नर-रल!
आज आपका ७०वा जन्म दिवस मनाने का चिरकाल से अवसर मिला है। समाज में आप एक महान विभूति हैं । हम आपके गुणों का कहाँ तक वर्णन करें । सागर को गागर में नहीं भर सकते हैं । आपके अपने जन्मदिवस के इस शुभ अवसर पर हम शत शत शुभकामना करते हैं। आप स्वस्थ रहकर दीर्घायु प्राप्त करें, तथा अपने साधनामय जीवन की सौरभ अधिकाधिक प्रसारित करें।
आपका वरद हस्त हमारे नत मस्तकों पर हम सदा अनुभव करते रहें, इसी आशा के साथ
स्थान : आदर्श निकेतन छात्रावास विद्याभूमि, राणावास दिनांक २१-२-७६ बुधवार
कृपाभिलाषी : अधीक्षक (१) श्री मूलसिंह चुण्डावत (२) श्री भैरूलाल बाफना (३) श्री लालसिंह चौहान
हम हैं आपके कृपाभिलाषी आदर्श निकेतन छात्रावास के
समस्त छात्र सत्र १९७८-७६
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