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श्रद्धा-सुमन
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प्रतिभासम्पन्न व प्रेरक
श्री भेरूलाल नाहर (दिवेर) भव्य भाल, गम्भीर एवं गहरी पेठने वाली दृष्टि, मलजी सुराणा के जीवन पर दृष्टिपात करते हुए मन में सहज मुस्कान, स्वच्छ लुगी-नुमा धोती, ऋषियों की-सी विचार आता है कि आपने समस्त सांसारिक सुखों को गरिमा, दर्पण-सा स्वच्छ हृदय, धीर-गम्भीर गति, सन्तों समाज को समर्पित कर भावी पीढ़ी के लिए अनुकरणीय की सी निरीहता एवं मानवीयता इन सबका संयुक्त नाम है उदाहरण प्रस्तुत किया है। आत्म-साधना में सतत तल्लीन कर्मयोगी श्री केसरीमलजी सुराणा ।
रहना भौतिक इच्छाओं को दमन करते हुए आपने शिक्षा आकार के अनुरूप बुद्धि और बुद्धि जैसा ज्ञान तथा की रचनात्मक प्रवृत्तियों के चतुर्मुखी विकास का श्रीगणेश समाज-सेवा के अनुकूल आपके विचार, मानव-जाति की किया है। गौरव गरिमा को बढ़ाने वाले हैं।
ऐसे प्रतिभासम्पन्न तथा प्ररक महापुरुष का जीवन त्यागमूर्ति तथा कर्मठ समाज-सेवी कर्मयोगी श्री केसरी- प्रसंग समाज के व्यापक परिवेश में अभिनन्दनीय है।
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अंध-परम्पराओं के विरोधी
0 श्री भाग्यवती धोका जीवनदानी, श्रमनिष्ठ, आत्मनिष्ठ, शिक्षा-प्रमी, बहनों को घूघट-मुक्त बनाया है और भी अनेक अन्धत्यागी, तपस्वी श्रीमान् केसरीमलजी सुराणा का जीवन परम्पराओं को समाप्त किया है, जैसे-मृत्यु-भोज, मृतक एक खिलता हुआ पुष्प है और आप द्वारा किये गये के पीछे घरों में कृत्रिम रोना, लड़कियों की शिक्षा में बाधक शैक्षणिक प्रयोग उसकी मधुर सौरभ है। आप शिक्षा का बनना आदि। हम बहनें आपकी युगों-युगों तक आभारी उद्देश्य केवल ज्ञानार्जन ही नहीं मानते, बल्कि साथ में रहेंगी। आपने जिस प्रकार हमारे पिछड़े हुए महिला समाज "विवेगे धम्ममाहिये" सूक्ति का अनुकरण भी करते हैं। को आगे बढ़ाने में हाथ बंटाया है, हमारी शब्दावली एवं विद्या के साथ-साथ विनय और विवेक का संयोग स्वर्ण- लेखनी उसका स्वागत करने में अक्षम है। हृदय की श्रद्धा सुगन्धि सुयोग है । कुप्रथाओं को दूर करने में आप सिद्धहस्त ही सच्चा अभिनन्दन है। हैं । पर्दा-प्रथा जीवन के लिये अभिशाप समझकर बहुत-सी
सच्चे छात्र-हितैषी
0 श्री हिम्मतलाल कोठारी (टाडगढ़) आपने जिस वृक्ष का बीजारोपण किया, वह आपकी को सहज अपनी ओर आकृष्ट कर लेता है । विद्यार्थियों के लगन एवं सूझ-बूझ से आज विशाल वटवृक्ष का रूप धारण आप प्रेरणा-स्रोत हैं। छात्र-हित को आप सर्वोपरि मानते कर रहा है । आपका सारा जीवन समाज के लिए समर्पित हैं। उनकी हर इच्छा का खयाल रखते हैं। उनके भोजन, है। नियमित दिनचर्या में अपना अधिकांश समय व्यतीत नाश्ते आदि का आप व्यक्तिगत ध्यान रखते हैं। कोई छात्र करते हैं। समाज के विकास में आपकी तड़फ है। अगर बीमार हो जाता है तो आप उसकी माँ-बाप की
विद्यार्थी आपकी संरक्षणता प्राप्त कर घर को भूल जाता तरह सेवा करते हैं, उसे उसी तरह का लाड़-प्यार देते हैं । है। आपका सद्व्यवहार एवं संस्कारी जीवन विद्यार्थियों दीर्घ आयुष्य की कामना के साथ....
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