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वोत्रिपतिमानि गनिको नाममा पुनरोदरीत।। राजमिरमानामारनीयालकाहरूललाहर लिनीसदी नितालावन
सामाजायंकालना मलदलाउदिरालाला
रामरक्षनालय पारा सुयगाह
१-२. सं० १०७८ के दानपत्र में सपक्ष मनुष्याकृति गरुड़ मुद्रा
(परमार भोजदेव की राजमुद्रा ईस्वी सन् १०२१)
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३. सं० १००५ (ई० सन् ९४८) परमार सोयक हरसोल से प्राप्त दानपत्र में गरुड़मुद्रा
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সুস ইসলামী समूमुरमुरादाहरण
सं०१०७८ के दानपत्र में समक्ष मनुष्याकृति गरुड़ मुद्रा (परमार भोजदेव की राजमुद्रा
ई० सन् १०२०)
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