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ana अम्हें जाम
जोगाऊले नययस्त अति विश्वके शण वाकरोदे वाल धन नशोंकेत ध्यान
नव्यलगोधामम दीयदेव मित्केत्रा विमलकमलसमनयनदन टीनालविकोष
सत्यरूपमुखवखिका श्रुतिस्तुन्दर घरवशान्त गुरुवरथायदआपका बाह्यस्य विशवकान्त
गिराधाशचितमन्नग याव्यशित्व महान स्वरविनीचिजमय दियचनी व्याख्यान
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मनमेंथीप्रतिमधुरता सीधा सादा वेज्ञा समन्वयात्मक आयका थाशाश्वतसन्देवा
जनजनकेशतिसहजथा सुध्दसौम्यसन्नाव जालिमालयनंदित समगरदासमनाव
मेरेयरथी आपकी कृपाप्रती अपार वरदहस्त अबदोकदां मेरेकरुणा धार
रमदा संयत सaa शोनावन्नदोसाधना
जीरावरजयगान मिलेनतिरदान
ज्यदजारीमहनत बजके दिलके देवता
सच्चिदानन्द नाम
शनदेश्लाम
सुनिबजलाल वि.स. २०२६हितीयवैश्वप्न व्यावर
प्राचीन लिपि में लिखित मुनि श्रीब्रजलालजो
की भावपूर्ण
सहज अभिव्यक्ति
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