________________
लेखक परिचय : १०६
श्री शिखरचन्द्र कोचर-जन्मस्थान बीकानेर (राज.). बीकानेर हाई कोर्ट में कुछ काल तक वकालत करने के पश्चात् आप राजस्थान शासन के न्यायविभाग में विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं. इस समय सीकर में सिविल और ऐडिशनल सेशन्स जज हैं. अनेक सामाजिक संस्थाओं के अवैतनिक मंत्री आदि पदों पर कार्य किया है. आपकी गद्य-पद्य-रचनाएं अनेक पत्रों में प्रकाशित होती रहती हैं.
श्री श्रीचन्द्र जैन-जन्मस्थान अमरा (झांसी). एम. ए., एल. एल.बी परीक्षाएँ उत्तीर्ण करने के पश्चात् समथर राज्य में जिलाधीश के रूप में कार्य किया, मगर आन्तरिक रुचि आपको शिक्षा-साहित्य के क्षेत्र में खींच लाई. इस समय आप गवर्नमेंट कालेज खरगौन में हिन्दी विभाग के अध्यक्ष हैं. अनेक निबंध-रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी हैं. जिसमें से कई भारत सरकार, उत्तरप्रदेश सरकार और विन्ध्यशासन द्वारा पुरस्कृत हुई हैं.
श्री सत्यकाम वर्मा-डाक्टर वर्मा, कांगड़ी गुरुकुल के स्नातक हैं. हिन्दी और संस्कृत में एम. ए. की तथा 'भर्तृहरि के वाक्यपदी? का भाषा तात्त्विक अध्ययन' विषय पर पी. एच. डी. की उपाधि प्राप्त की. इटली के रोम विश्वविद्यालय में संस्कृत के अध्यापक रहे. वहाँ की सबसे बड़ी प्राच्य विद्यासंस्था में सम्पादन-कार्य किया. आप हिन्दी में अनेक आलोचनात्मक ग्रंथों एवं निबंधों के लेखक हैं.
श्री सुन्दरलाल जैन-जन्मस्थान खैराना (सागर म०प्र०). आप वैद्य भूषण, वैद्यरत्न, आयुर्वेदालंकार आदि अनेक उपाधियों से विभूषित कुशल चिकित्सक हैं. इटारसी की तिलक फार्मेसी के संस्थापक हैं. अनेक जैन संस्थाओं के मंत्री, उपाध्यक्ष और अध्यक्ष हैं. अनेक स्वर्णपदक प्राप्त कर चुके हैं. आयुवैदिक पत्रों में आपकी रचनाएँ समय-समय पर प्रकाशित होती रहती हैं. आप प्रगतिशील विचारों के संदेशवाहक हैं. श्री महेन्द्र राजा आपके ही सुपुत्र हैं.
श्री सौभाग्यमल जैन-जन्मस्थान शुजालपुर (मध्यप्रदेश). जैनसमाज और म. प्र. के राजनीतिक क्षेत्रों में बहुविख्यात, उच्च आदर्शों पर जीवन की प्रतिष्ठा करने वाले भावनाशील विद्वान् हैं. सन् १९३० से राजनीति में सक्रिय हैं. अनेक राजनीतिक संस्थाओं में अनेक उत्तरदायित्त्वपूर्ण पदों पर प्रतिष्ठित रहे हैं. मध्यभारत-विधान सभा के उपाध्यक्ष, अध्यक्ष, वित्तमंत्री और राजस्वमंत्री रह चुके हैं.
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org