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नटवरलाल डाह्यालाल वकील--अध्यक्ष, श्री राजमल नागरलाल धरू-मंत्री । थराद में परिषद् की गतिविधियों में पुनः तेजी आई है।
समाज के विराट स्वरूप को देखते हुए परिषद् की सदस्य संख्या वृद्धि के साथ कार्यवाही शुरू होने की सूचना प्राप्त हो गई है।
नैनावा
थराद जैन युवक मण्डल, आनन्द मण्डल को आनन्द की जैन समाज में काफी प्रगतिशील संस्था की दृष्टि से देखा जाता है । मण्डल की महान देन श्री राजेन्द्र सूरि जैन ज्ञान मंदिर का भव्य भवन है जिसका उद्घाटन पूज्य मुनि. श्री जयन्त विजयजी महाराज 'मधुकर' की प्रेरणा से सम्पन्न हुआ। मण्डल सामाजिक कार्यों में पूरी अभिरुचि के साथ कार्य करता है। साथ ही गुरु सप्तमी, महावीर जयन्ती, पर्युषण पर्वो पर भव्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है।
थराद जैन युवक मण्डल, नडियाद
उत्तर गुजरात के बनासकांठा जिले में ग्राम नैनावा स्थित है। परिषद् शाखा के परिश्रम से प्रतिष्ठोत्सव में चार चांद लगे और इसकी प्रेरणा के बिन्दु हैं-पू. मुनिराज श्री जयंतविजयजी महाराज।
परिषद् ग्राम जनसंख्या के अनुरूप लघु है और उनके मुख्य पदाधिकारी श्री बाबूलालजी भीमराज--अध्यक्ष और श्री मफत लालजी-मंत्री हैं।
परिषद् सामाजिक तथा धार्मिक गतिविधियों में अग्रणी है और अनेक योजनाओं को कार्यान्वित करने में संलग्न है। आगामी कुछ महीनों में इसका प्रगटीकरण होगा । केन्द्रीय परिषद् के लिए स्थानीय परिषद् का महत्वपूर्ण योगदान प्राप्त होता रहेगा।
पालीताना
यह मण्डल मुनिराज श्री जयन्ताविजय जी म. 'मधुकर' की प्रेरणा से स्थापित किया गया है और मण्डल के माध्यम से नडियाद (उत्तर गुजरात) की त्रिस्तुतिक जैन समाज एक सूत्र में आबद्ध हुई है। जहां पूज्य गुरुदेव श्री के, चित्र स्थापित किये गये हैं। प्रत्येक सप्तमी को गुरुदेव की आरती उतारी जाती है।
राजेन्द्र जैन परिषद् पाटन
परिषद् सामाजिक प्रवृत्तियों में निरंतर गतिशील रहती है। इसकी स्थापना मुनि श्री जयन्त विजय जी की प्रेरणा से की गई है। संस्था के ऑफिस में गुरुदेव का विशाल चित्र मुनिश्री के सान्निध्य में स्थापित किया गया है। श्री छोटालाल अनोपचन्द-प्रमुख, ताराचन्द जी-उपप्रमुख, नरपतलाल वकील-मंत्री और छोटालाल हठीचन्दप्रमुख सलाहकार हैं । परिषद् के सम्मेलन में प्रतिनिधि आते हैं।
सिद्धक्षेत्र परम पुनीत तीर्थ सिद्धाचल पालीताना समग्र जैन समाज का महान केन्द्र है । भगवान ऋषभदेव आदि अनेक तीर्थकरों की यह निर्वाणभूमि रही है । और प्रतिवर्ष लाखों यात्रियों के आगमन तथा अर्चना का केन्द्र है ऐसी पावन भूमि में अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन न. परिषद् का अस्तिव होना चाहिये । इस दृष्टि से पू. मुनिराजजी श्री जयन्त विजयजी मधुकर की प्रेरणा से शाखा स्थापित हुई।
श्री जयप्रकाश जी जैन के संयोजन में यह शाखा कार्यरत है। शाखा की ओर से अनेक संघों का स्वागत अभिनंदन किया जाता है यह प्रयास गतिशील है। यह शाखा अपने संपूर्ण वैभव को प्रदर्शित करे । श्री जयप्रकाश जी इस कार्य में गतिशील हैं। आशा की जाती है कि अपने वांछित लक्ष्यों को शाखा प्राप्त कर लेगी।
राजकोट
थाना महाराष्ट्र स्थित थाना जो बम्बई के निकट है। यहां पर अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् की शाखा स्थापित हो चुकी है।
महाराष्ट्र की यह दूसरी शाखा है। परिषद् के लिये गौरव है। यहां के श्री जुगराजजी के. जैन (संघवी) केन्द्रीय परिषद् के उपाध्यक्ष हैं और स्थानीय शाखा के संयोजक हैं। श्री जुगराजजी के नेतृत्व में शाखा प्रगतिशील है और अपनी गति को देखते हुए सुदृढ़ बन जावेगी।
परिषद् सहायता मंजूषा भेजी जा रही है यह वहां की शाखा के कार्यकर्ताओं की भावना के अनुरूप यह योजना कार्यान्वित होगी।
भोपाल
अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन न. परिषद् शाखा के पूर्व यहां समाज को एक सूत्र में लाने का महत्वपूर्ण कार्य संपादित किया। पूज्य मुनिराजश्री की प्रेरणा से राजेन्द्रसूरीश्वरजी महाराज की आरती टीन “ (पत्रा) पर मुद्रित करवा कर सभी गुरु मंदिरों में वितरित की गई। यह कार्य शाखा परिषद् ने किया। अब राजकोट में एक उपाश्रय के निर्माण की योजना चल रही है। परिषद् द्वारा यहां अनेक गतिवियाँ संचालित है।
सहयोगी संस्थाएं (गुजरात) कई संस्थाएं अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् में विलीन नहीं हुई हैं लेकिन परिषद् के साथ पूरक बन कर सहयोग करती आ रही हैं । उन संस्थाओं में कुछ प्रमुख इस प्रकार है
परिषद् के बढ़ते चरण म. प्र. की राजधानी भोपाल में भी पहुँच चुके हैं। यह एक धार्मिक सफलता का द्योतक है। यहां पर अ.भा. श्री राजेन्द्र जैन न. परिषद् की स्थापना हो चुकी है।
श्री सुरेशचन्द जी जैन (लुकड) शाखा परिषद् के संयोजक के रूप में नियुक्त हैं । श्री जैन के नेतृत्व में निश्चित कार्यक्रम बन रहा है और परिषद् के सदस्यों की वृद्धि का अभियान चल रहा है। आशा की जाती है कि आगामी छः महीनों में परिषद् समग्र रूप में प्रकट होगी। काफी संभावना है इसके समृद्ध होने की। ...
वी. नि. सं. २५०३
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