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(४) लक्ष्मणी तीर्थ की व्यवस्था में सहयोग (५) रा. ज. महिला परिषद् (६) बाल परिषद्
धार्मिक विद्यालय में अनेक छात्र-छात्राएं धर्म की ज्ञान गंगा में अवगाहन कर रहे हैं।
श्री राजेन्द्र बाल परिषद् के पदाधिकारी इस प्रकार हैं(१) श्री संजयकुमार जयंतीलाल जैन अध्यक्ष (२) श्री चेतनप्रकाश शैतानमल जैन उपाध्यक्ष (३) श्री इन्द्रमल पन्नालाल जैन मंत्री (४) श्री संजयकुमार तिलोकचन्द जैन कोषाध्यक्ष (५) श्री कमलेशकुमार कुंदनलाल जैन सहमंत्री
काकड़ीवाला परिषद् सहायता मंजूषाएं २० स्थापित हुई है और केन्द्रीय परिषद् से निरंतर मांग की जा रही है।
पारा
अ. भा. श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् पारा (जिला झाबुआ) का विधिवत् निर्माण नवम्बर १९७५ श्री मनोहरलालजी कोठारी की प्रथम अध्यक्षता के साथ हुआ। वर्तमान में परिषद् के सदस्यों की संख्या २५ है। कार्यकारिणी इस प्रकार है:
१. श्री झमकलाल भंडारी अध्यक्ष २. श्री राजेन्द्रकुमार कोठारी उपाध्यक्ष ३. श्री कनकमल तलेसरा कोषाध्यक्ष ४. श्री प्रकाशचन्द्र छाजेड़ मंत्री ५. श्री अमृतलाल पोखरना प्रचार मंत्री
केन्द्र प्रतिनिधि १. श्री प्रकाशचन्द्र छाजेड़ गतिविधियां
१. पुस्तकालय २. श्री राजेन्द्र बचत योजना ३. , , जैन विद्यालय ३. ,, ,, संगीत मंडल ५. सामूहिक आरती
प्रतिमाह परिषद् की बैठक का आयोजन किया जाता है और नवीन कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की जाती है। प्रति वर्ष महावीर जयंती का ३ दिवसीय आयोजन होता है उसमें विभिन्न कार्यक्रम होते हैं।
पुस्तकालय में अनेक पुस्तकें संग्रहित हैं और बालक-बालिकाएं रुचि अध्ययन करते हैं। संगीत मंडल से परिषद् में एक नये उत्साह का संचार हुआ है अनेक छात्र छात्राएं संगीत के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और सीखते हैं । समय समय पर स्तवन प्रतियोगिता का आयोजन भी होता है। यद्यपि परिषद् की स्थापना हुए
अल्प समय हुआ है किन्तु इन गतिविधियों को देखते हुए परिषद् का विस्तार होता जा रहा है । यहां एक गुरु मंदिर है।
गांव में लगभग १६ परिषद् सहायता निधि मंजूषाएं स्थापित की गई है जिसमें स्वधर्मी बन्धु मुक्तहस्त होकर दान देते हैं ।
बामनिया आदिवासी क्षेत्र में स्थित बामनिया बड़ी लाईन का रेल्वे स्टेशन है। यहां पर परिषद् की शाखा स्थापित है । श्री राजमलजी बसंतीलालजी लुणावत के नेतृत्व (अध्यक्ष) में शाखा परिषद् कार्यरत है । ग्राम छोटा है किन्तु केन्द्रीय परिषद् के विभिन्न कार्यक्रमों में परिषद् के कार्यकर्ता भाग लेते है और समय समय पर ग्राम में धार्मिक, सांस्कृतिक आयोजनों को कार्यान्वित करते हैं। यहां के कार्यकर्ता पाठशाला स्थापित करने के लिये प्रयत्नशील हैं।
इन्दौर मध्यप्रदेश का औद्योगिक नगर जो राजनीति, धर्म, शिक्षा और संस्कृति का केन्द्र है। यहाँ परिषद् की शाखा स्थापित हो चुकी है। और श्री हुकुमचन्दजी पारेख के प्रयास से यह कार्य संपन्न हुआ। वर्तमान में इस शाखा के पदाधिकारी इस प्रकार है:
१. श्री सरदारमलजी जैन अध्यक्ष २. श्री हंसमुखराजजी मंत्री ३. श्री हजारीलालजी रांका केन्द्रीय प्रतिनिधि ४. श्री शांतिलालजी जैन कोषाध्यक्ष ५. घेवरचन्दजी मेहता परामर्शदाता
अभी-अभी यह शाखा स्थापित हुई है इसलिए इसकी सम्पूर्ण गतिविधियाँ आरम्भ होने में कुछ समय लगेगा किन्तु यहाँ के कार्यकर्ताओं के उत्साह को देखते हुए प्रदेश की सर्वश्रेष्ठ शाखा सिद्ध होगी।
जालौर राजस्थान अपने प्राचीन वैभव और ऐतिहासिकता के लिए प्रसिद्ध है। जालौर उनमें से एक प्रसिद्ध नगरी है। जालौर पू. गुरुदेव की तपस्या का एक महत्वपूर्ण स्थल रहा है तथा तत्कालीन महाराजा द्वारा प्रभावित होकर जालौर दुर्ग जैन समाज को सौंपा गया था।
स्वर्णगिरि तीर्थ दुर्ग जालौर जो आज हमें देखने को मिलता है वह पूज्य गुरुदेव की ही कृपा है।
१५ फरवरी, १९७७ को पू. मुनिराज श्री जयतविजयजी महाराज की प्रेरणा से परिषद् का गठन हुआ। यह कार्य नगर के प्रसिद्ध समाजसेवी श्री उगमसीजी मोदी के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। स्थानीय परिषद् ने केन्द्रीय कार्यसमिति की बैठक के आयोजन में पूर्ण सहयोग दिया।
वर्तमान में निम्नानुसार पदाधिकारी है१. श्री जसवंतसिंह सोलंकी
अध्यक्ष २. श्री सोहनराजजी बोहरा
सचिव ३. श्री भंवरलालजी गांधी सहसचिव ४. श्री सुकनराजजी साजी कोषाध्यक्ष
राजेन्द्र-ज्योति
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