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________________ ॥ ॐ नमः श्री वीतरागाय ॥ सुदृढ़ संगठन, शिक्षा प्रचार, कुरूढ़ियों में सुधार के महामंत्रों को लेकर प्रस्थापित अखिल मालव- मेवाड़ प्रान्तीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद् का प्राचीन नगर ( रत्नपुरी) रतलाम के प्रांगण में द्वितीय अधिवेशन विक्रम सं० २०१७ ज्येष्ठ कृष्णा ४-५ ( गुजराती वैशाख वदि ४ - ५ ) तदनुसार दिनांक १४ - १५ मई, १९६० शनिवार, रविवार को श्री सौभाग्यमलजी सेठिया बी. ए., एल. एल. बी. की अध्यक्षता में रतलाम नगर में सम्पन्न होने जा रहा है । समाज की प्रगति के पुण्य पथ पर अग्रगामी होने के लिये अनेकविध मार्गदर्शन एवं प्रस्तावों को कार्यान्वित किये जायेंगे । समीपस्थ श्री सगोदियाजी तीर्थ, बोबडोद, करमदी आदि तीर्थों की यात्रा का अभूतपूर्व लाभ प्राप्त हो सकेगा । साथ ही नगर में स्थित श्रीजिन मन्दिरों की यात्रा का लाभ भी मिल सकेगा । सम्मेलन में परम कृपालु पूज्य गुरुदेव श्रीमद्विजययतीन्द्र सूरीश्वरजी महाराज की शुभाज्ञा से मुनिराज श्री कल्याण विजयजी म०, मुनिश्री हेमेन्द्र विजयजो, मुनिश्री सौभाग्य विजयजी, मुनिश्री रसिक विजयजी, मुनिश्री जयन्त विजयजी, मुनिश्री जयप्रभ विजयजी, मुनिश्री पुण्य विजयजी, मुनिश्री लक्ष्मण विजयजी पधार रहे हैं । स्थान-स्थान से अधिक संख्या में प्रतिनिधिगण को सम्मेलन में भाग लेने के लिये आने की सूचनाएं प्राप्त हो गई हैं । ध्वजवन्दन एवं उद्घाटन के लिये समाज के गणमान्य महानुभावों से चर्चा की जा रही है । आपके नगर से भी सर्वानुमति से अपने प्रतिनिधियों को चुन कर भेजियेगा । Jain Education International श्री लीमड़ावाला उपासरा रतलाम (म. प्र. ) भवदीय- सम्मेलन व्यवस्थापक समिति श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद्, रतलाम शाखा राजेन्द - ज्योति For Private Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012039
Book TitleRajendrasuri Janma Sardh Shatabdi Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPremsinh Rathod
PublisherRajendrasuri Jain Navyuvak Parishad Mohankheda
Publication Year1977
Total Pages638
LanguageHindi, Gujrati, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size38 MB
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