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हजारों वर्षों से सुरम्य मालवा देश पहाड़ियों, नदियों, झरनों, पक्षियों के कलरव तथा स्वर्गीय शांति से देशभर में अपना विशिष्ट स्थान रखता है, रत्नपुरी रतलाम मालवांचल का मध्य बिंदु है । यही वह नगर है जो माही को अपनी गोद में रखने के उपरांत भी अध्यात्म के जल के अभाव में विगत ५३ वर्षो से प्यासा रहा है, प्रतीक्षा भले ही दीर्घं हो, किन्तु वह शांत हो रही है। पूज्य जैनाचार्य श्रीमद विजय राजेन्द्र सुरीश्वरजी महाराज के शिष्यानुशिष्य एवं जैनाचार्य श्री विद्याचन्द्रसूरीश्वरजी के आज्ञानुवर्ती पूज्य मुनिराज जयन्तविजयजी "मधुकर" के रतलाम आगमन से ।
रतलाम का ऐतिहासिक चातुर्मास : एक अवलोकन
आज हम मुनिराज श्री को अपने मुनिमण्डल सहित दर्शन पाकर धन्य हैं।
मुनिराज श्री के मुखारविंद से चरमतीर्थ का महावीर की की वाणी से नगर के हजारों नर-नारी श्रवण कर आध्यात्मिक प्यास बुझा रहे हैं। धर्म की गंगा बह रही है और उसमें हम अवगाहन कर रहे हैं। नीमवाला उपाश्रय तीर्थ बना हुआ है । और सर्वत्र आनन्द व्याप्त है । यह चातुर्मास निश्चित रूप से जैन शासन की शोभा है ।
चातुर्मास के विभिन्न बिन्दु इस प्रकार है:उपाश्रय जीर्णोद्धार
यह किसी को न ज्ञात था कि मुनिराज श्री का चातुर्मास रतलाम नगर में होगा किन्तु जीर्णोद्धार ने पूर्वाभास करा दिया और पचास हजार रुपये व्यय कर श्री जैन संघ ने विशाल व्याख्यानगृह का निर्माण कराया । इसी निर्माण कार्य ने चातुर्मास होने को बल प्रदान किया ।
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ललितकुमार संघवी
मुनिराज श्री का भव्य नगर प्रवेश
वर्तमानाचार्य के आदेश एवं स्वीकृति से पूज्यपाद मुनिराज श्री जयन्तविजय "मधुकर" ने अपने मुनिमण्डल सहित रतलाम नगर की ओर प्रस्थान किया । रतलाम नगर स्वागत में एक सजी संवरी दुल्हन सा बना हुआ था। स्थान स्थान पर तोरण द्वार और मंगल पताकाओं से सुसज्जित था। दिनांक २६-६-७७ को मुनिराज श्री तथा मुनिमण्डल का गगनभेदी उल्लासमयी मंगल वातावरण में नगर प्रवेश हुआ । ५३ वर्षों से प्रतीक्षित नीमवाला उपाश्रय हर्षपूरित हुआ ।
भक्तामर पाठ
मुनिराजश्री के सान्निध्य में प्रातः ६ बजे भक्तामर पाठ का आयोजन होता तथा इसमें लगभग १००-१५० श्रावक श्राविकाएं भाग ले रहे हैं अपनी मीठी नींद का त्यागकर । भक्तामर का सस्वर पाठ आसपास के वातावरण में संगीतमयी शांति उत्पन्न करता है। लाभान्वित हो रहे हैं जो पाठ करते हैं, धन्य हो रहे हैं वे उसकी स्वर धारा को सुनकर ।
जैन धार्मिक शिक्षिण शिविर
अखिल भारतीय श्री राजेन्द्र जैन नवयुवक परिषद के अधिवेशन के निर्णयानुसार धार्मिक शिविर का आयोजन रतलाम नगर में दिनांक १८-८-७७ से २७-८-७७ तक हुआ । इसमें तीस पुरुषमहिलाओं ने भाग लिया जिसमें कुछ धार्मिक शिक्षिकाएं भी थीं। पूज्य मुनिराज श्री के सानिध्य में १० दिवस रहकर शिविरावियों ने दर्शन के अनुरूप नियमित आचरण किया और दर्शन से परिचित हुए। इसका समापन अतिरिक्त जिलाध्यक्ष महोदय द्वारा किया गया ।
राजेन्द्र-ज्योति
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