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बेंगलोर स्थित जैन श्वेताम्बर धार्मिक संस्थाएं
भंवरलाल चौपड़ा
दक्षिण भारत में जैनों की आबादी के हिसाब से मद्रास के बाद बैंगलोर का नम्बर आता है । सौन्दर्यधाम बैंगलोर नगर कर्नाटक राज्य की राजधानी भी है। बैंगलोर में निम्नलिखित जैन श्वेताम्बर मंदिर और धार्मिक संस्थाएं विद्यमान हैं:-- १. श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर मंदिर
चिकपेठ स्थित यह मंदिर पचास साल पुराना है । यह मंदिर अत्यन्त रमणीय एवं मनोहर है । श्री आदिनाथ भगवान की नयन रम्य प्रतिमा मन मोह लेती है । प्रभातकाल में यहां दर्शनपूजन के लिए भक्तों का मेला लग जाता है । उत्साही एवं कार्यकुशल ट्रस्टी श्री देवीचन्दजी, श्री लक्ष्मीचन्दजी, श्री तेजराजजी और श्री दीपचन्दजी इस मंदिर की देखभाल करते हैं । स्थानीय कन्नडभाषी लोग भी इस मंदिर में दर्शन के लिए आते रहते हैं।
इस मंदिर के अलावा यहां पर श्री महावीर स्वामी जैन मंदिर, श्री पार्श्ववल्लभ जिन प्रासाद, श्री वर्धमान चतुर्मुख जिन प्रासाद और श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन मंदिर भी विद्यमान है । यहां पर कई दिगम्बर मंदिर भी विद्यमान हैं जो अपनी प्राचीनता के लिए विख्यात हैं। २. श्री वर्धमान तप आयंबिल खाता
श्री आदिनाथ मंदिर के अहाते में ही श्री वर्धमान तप आयंबिल भवन की तिमंजली इमारत विद्यमान है। इसकी स्थापना संवत् २००७ में श्री रामसूरिजी (डहेलावाला) महाराज के शिष्य श्री भुवनविजयजी महाराज के उपदेश से हुई थी। यहां आराधक लोग आयंबिल करके धर्म की आराधना करके लाभ उठाते हैं। तपस्या के बाद पारणे की व्यवस्था भी यहीं की जाती है। धर्मप्रेमी संघवी श्री पूनमचन्दजी, संघवी श्री जसराजजी, संघवी श्री देवीचन्दजी, संघवी श्री भारतमलजी, श्री भंवरलालजी, श्री मिश्रीमलजी,
श्री मूलचन्दजी आदि ट्रस्टीगण इस विभाग की देखभाल करते हैं । अध्यापक सुरेन्द्र सी. शाह इस विभाग के मैनेजर हैं । ३. श्री विजयलब्धि सूरि जैन धार्मिक पाठशाला
श्री आदिनाथ जैन मंदिर के निकट ही एक सुन्दर इमारत हैआदर्श भवन । इस इमारत में ही श्री विजयलब्धि सूरि जैन पाठशाला चलाई जाती है । इस पाटशाला की स्थापना मुनि श्री गंभीरविजयजी महाराज के सदुपदेश से हुई। लगभग आठ सौ से भी अधिक छात्र यहां शिक्षा प्राप्त करते हैं । इतनी बड़ी जैन पाठशाला सारे भारत में शायद यहीं होगी। इस पाठशाला का मकान भव्य है । यहां अभ्यास की समुचित व्यवस्था है, अनुकूल समय पत्रक है और विद्वान अध्यापक हैं । मुख्याध्यापक श्री तिलक एम. शाह तथा अन्य सहायक अध्यापक श्री सुरेन्द्र सी. शाह, श्री अरविन्द जे. शाह, श्री सुरेश जे. शाह आदि के प्रयत्नों से यह संस्था प्रगति पथ पर अग्रसर हो रही है। यह एक आदर्श जैन पाठशाला है। इसके अलावा यहां श्री ताराचन्द गांडालाल जैन पाठशाला, श्री खीमसी ठाकरसी पाठशाला और श्री मुनिसुव्रत स्वामी जैन पाठशाला भी धर्म शिक्षा का कार्य कर रही है।
४. श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर दादावाड़ी
पूज्य आचार्य देव श्रीमद् विजय धनचन्द्र सूरीश्वर महाराज के स्वर्गवास के बाद इस दादावाड़ी का निर्माण शाह चमनाजी डूंगाजी ने अपने निजी द्रव्य से किया था। पूज्य मुनिश्री गंभीरविजयजी की निश्रा में संवत् १९८४ में इसकी प्रतिष्ठा की गई थी। कई वर्षों तक इसकी व्यवस्था श्री चमनाजी डूंगाजी ने की। उनके स्वर्गवास के बाद इसकी व्यवस्था श्री आदिनाथ जैन श्वेताम्बर श्री संघ (चिकपेठ बैंगलोर) को सौंप दी गई । वर्तमान में श्री संघ इसका जीर्णोद्धार कर रहा है और यहां नूतन मंदिर भी निर्माण कर रहा है।
वी. नि. सं. २५०३
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