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संयम - सुमेरु के उत्तुंग शिखर पर
अवस्थित हो
आत्मा के अनन्त सौंदर्य रस के अनुपान को उत्सुक,
अत:
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REE
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तद् - प्रेरित
अर्ध - शतक संवत्सर पर्यन्त
अविराम विराग यात्रा के पथिक
आचरण - निरत चरण युगल
को
मानस - मानसरोवर के तट पर
निर्बाध - पल्लवित श्रद्धा - वल्लरी
स - पत्र स - पुष्प
अपित समर्पित
----'कुमुद
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