________________
PPPM
तीर्थकरों के समवसरण का चित्रांकन- चतुष्कोण समवसरण एवं वृत्ताकार समवसरण :
यदुकुलभूषण श्री नेमिकुमार (२२वें तीर्थंकर) की बरात । राजुल के परिणय हेतु जाते समय ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
श्री
गुलाबचन्द जी महाराज की कलाकृति ।
श्री गुलाबचन्द जी महाराज की कलम से चित्रित ।
.www.jainelibrary.org/