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- यतीन्द्रसूरिस्मारक ग्रन्थ - इतिहास३. उत्तराध्ययनसूत्रबालावबोध (वि.सं. १६२९)
अजितदेवसूरि के शिष्य हीरानन्दसरि हए जिनके द्वारा रचित ४. आचारांगदीपिका
चौबोलीचौपाई नामक कृति प्राप्त होती है। इसकी प्रशस्ति ५. आराधना JRK. P-३१
में इन्होंने अपने गुरु-प्रगुरु आदि का उल्लेख किया है। ६. जीवशिखामणाविधि
पालीवाल विरुदे प्रसिद्ध, चंद्रगच्छ सुपहाण। ७. चन्दनबालाबेलि
सूरि महेसर पाटधर, तेजै दीपइ भाण ।।७।।
तासु पसायै हर्षधर, पभणै हीराणंद ।।८।। ८. चौबीस जिनावली कल्पसिद्धान्तदीपिका की प्रशस्ति में इन्होंने स्वयं
चौबोली चौपाई की वि.सं. १७७० में लिखी गई एक को महेश्वरसूरि का शिष्य कहा है--
प्रति जिनकृपाचन्द्रसूरि ज्ञान भण्डार बीकानेर में संरक्षित है। इतिश्री चंद्रगच्छांभोजदिनमणीनां श्रीमहेश्वरसरिसर्व्वसरिशिरोमणीनां
. पल्लीवालगच्छ से संबद्ध पर्याप्त संख्या में अभिलेखीय पट्टे श्रीअजितदेवसूरिणा विरचिता श्रीकल्पसिद्धान्तदीपिका समाप्ता। साक्ष्य प्राप्त हात
a ma साक्ष्य प्राप्त होते हैं, जो वि.सं. १२६१ से लेकर वि.सं. १६८१
तक के हैं। इनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है--
क्रमांक वि.सं. तिथि/मिति
प्रतिष्ठास्थान
सन्दर्भ ग्रन्थ
आचार्य या मुनि का नाम
प्रतिमा-लेख/ शिलालेख
१.
१२५७
-
प्रतिमा लेख
१३४३
माघ सुदि १२
-
पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख
शीतलनाथ जिनालय, कुम्भारवाडो, खंभात
मुनि कांतिसागर, संपा. शत्रुञ्जयवैभव, लेखांक ११ मुनि बुद्धिसागरसूरि, संपा. जैन धातु प्रतिमा लेख संग्रह भाग-२,लेखांक ६५५ श्री अगरचंद नाहटा, संपा. बीकानेर जैन लेख संग्रह, लेखांक २००
महेश्वरसूरि
माघ सुदि १२ रविवार
पार्श्वनाथ की - प्रतिमा का लेख
चिंतामणिजी का मंदिर, बीकानेर
वही,लेखांक २२४४
शांतिनाथ की प्रतिमा का लेख
केशरिया जी का मंदिर, देशनोक, बीकानेर
१३६१
आषाढ सुदि३
"
वही, लेखांक २२७
पार्श्वनाथ की प्रतिमा का लेख
६. .
१३७३
वैशाखसुदि १२
गुणाकरसूरि
चिंतामणिजीका मंदिर, बीकानेर जैन मंदिर, आर्वी शांतिनाथ जिना. भोयरापाडो खंभात
१३८३
"
माघ सुदि १० सोमवार
महेश्वरसूरि के पट्टधर अभयदेवसरि
मुनि कांतिसागर, संपा. जैन धातुप्रतिमा लेख संग्रह,लेखांक २७ लेखांक २७ मुनि बुद्धिसागर, पूर्वोक्त. भाग-२,लेखांक ८९९ नाहटा, पूर्वोक्त, लेखांक ४२४
फाल्गुन सुदि ११ अभयदेवसूरि गुरुवार
आदिनाथ की प्रतिमा का लेख
चिंतामणिजी का मंदिर, बीकानेर
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