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- यतीन्द्रसूरि स्मारकग्रन्थ - परिशिष्ट शताब्दीनायक श्रीमद्विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी महाराज साहब द्वारा
की गईं प्रतिष्ठाएँ एवं अंजनशलाकाएँ
वि.सं. १९६१ से वि.सं. २०१५
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_ वि.सं. १.१९६१ फा.कृ.१ २.१९६१ मार्गशु.३ ३. १९६४ पौ. शु.११ ४.१९६७ ज्ये.शु.१ गुरु
ग्राम, नगर बोरी(झाबुआ) गुणदी (जावरा) एलचीर ग्वालियर) सिरोड़ी सिरोही)
विशेष और प्रतिष्ठित बिम्ब मू.ना. चन्द्रप्रभस्वामी बिम्ब की प्रतिष्ठा
म.ना. शांतिनाथ-बिम्ब की प्रतिष्ठा
मू.ना. पार्श्वनाथ विम्ब की प्रतिष्ठा स्वर्णदण्ड-ध्वज की प्रतिष्ठा और आदिनाथ चरणपादुका की अंजनशलाका
६.१९७४ मार्ग.शु.६ ७.१९७८ मार्ग.शु.६ ८.१९८१ वै.शु. ५ मूगु. ९.१९८१ वै.शु.११ गुरु १०.१९८२ माघशु.१० ११.१९८२ ज्ये.शु.११ बुध. १२.१९८२ आषाढ शु.१० म. १३.१९८२ मार्ग.शु. १० बुध १४.१९८७ फा.शु. ३ शुक्र.
संजीत(जावरा) संजीत (जावरा) रिगंनोद( देवास) झणकवदा(झाबुआ) बड़ीकड़ोद(धार) कुक्षी(धार) नानपुर मोहनखेड़ा(ग्वालियर) थलवाड़(जोधपुर)
१५.१९८८ माघ.शु.१०म १६.१९८८ माघ.शु.१३ शुक्र. १७.१९९४ मार्गशु.१० सोम.
भाण्डवपुर तीर्थ(जोधपुर) मालवा लक्ष्मणीतीर्थ आलीराजपुर)
मू.ना. पार्श्वनाथ बिंबों की प्रतिष्ठा
म.ना. पार्श्वनाथ-बिंब की प्रतिष्ठा मू.ना. चंद्रप्रभस्वामी आदि बिंबों की और गुरुचरण-पादुका की प्रतिष्ठा
प्रतिष्ठा व अंजनशलाका
श्री वासुपूज्य स्वामी आदि बिम्बोंकी प्रतिष्ठा श्री सीमंधर स्वामी आदि पांच बिंब और स्वर्णकलश-दण्ड-ध्वज की प्रतिष्ठा
श्री पार्श्वनाथ आदि बिम्ब की प्रतिष्ठा श्री राजेन्द्रसरि-बिंब और चरण-पादुका की प्रतिष्ठा अंजनशलाका ६ जिन बिंबों की और अधिष्ठायक अधिष्ठायिका के बिम्ब की
प्रतिष्ठाजन शलाका दण्डध्वाजारोहण और दोजिन बिम्बों की प्रतिष्ठा
दोधातु-जिन पिम्बाकी प्रतिष्ठा चौदह जिन बिम्बों की प्रतिष्ठा और स्वर्णकलश-दण्डध्वज, अधिष्ठायक,
अधिष्ठायिका केबिम्बोंकी अंजनशलाका स्वर्णकलश-दण्ड-ध्वज और अधिष्ठायिका केबिम्बोंकी अंजनशलाका
म.ना. नेमिनाथ आदि बिम्बोंकी प्रतिष्ठा दोराजेन्द्र सूरि-बिम्बों की अंजनशलाका
श्री राजेन्द्रसूरि बिम्बों की प्रतिष्ठा श्री राजेन्द्रसरि और हिम्मतविजयजी की चरणपादुकाओं की प्रतिष्ठाचन शलाका
श्री पार्श्वनाविम्ब की प्रतिष्ठा श्री राजेन्द्रसूरि बिम्ब की प्रतिष्ठा-अंजनशलाका स्वर्णकलशदण्डध्वज की प्रतिष्ठा-अंजनशलाका
श्री राजेन्द्रसूरि बिम्बकी प्रतिष्ठा अंजनशलाका जिनबिम्ब, स्वर्णकलशदण्डध्वज और श्री धनचंद्र सूरि-बिम्ब कीअंजन शलाका
___ पच जिनबिम्बोंकी, स्वर्णकलश, दण्ड ध्वजादि की प्रतिष्ठा स्वर्णकलश, दण्ड, ध्वज और अधिष्ठायकादि बिम्बों की प्रतिष्ठा-अंजन शलाका
दो जिनबिम्बोंकी और अधिष्ठायकादि बिम्बों की प्रतिष्ठा
१८.१९९५ ज्ये.शु.१४ शनि १९.१९९५ आषाढशु.११शुक्र २०.१९९६वे.शु.७ बुध २१.१९९६ ज्ये.शु.२ रवि २२. १९९६ ज्ये. शु.९ शनि. २३.१९९६ ज्ये.शु. १४ गुरु. २४.१९९६ पौ.शु. ८ गुरु २५.१९९७ वै.शु.१४ २६.१९९७ मार्गःशु. १० सोम २७.१९९८ मार्ग,शु. १० शुक्र. २८.१९९८ फा.शु.५ शुक्र. २९.१९९९ माघ.शु.११ सोम. ३०.१९९९ फा.शु.२ सोम.
हरजी जोधपुर) ढूडसी जोधपुर) श्री कोरटाजी तीर्थ( जोधपुर) रोवाड़ा(सिरोही) फतहपुरा(जोधपुर) सलोदिया(जोधपुर) भूति(जोधपुर) आहोर( जोध.) जालोरर जोधपुर) बागरा(जोधपुर) सेदरिया(जोधपुर) बलदूट (सिरोही)ऊड़ा सिरोही)
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