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ॐ अर्ह नमः परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पतिसाहित्याचार्य शंत्रुजयावतार मालव भूमि का सिद्धाचल श्री मोहनखेड़ा तीर्थ उद्धारक
आचार्य देव श्रीमद्विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.
दीक्षा शताब्दी स्मारक गन्ध * प्रकाशन की स्वर्णीम स्मृति में वन्दन वन्दन वन्दन *
श्री चतरभूजजी वोहरा के सुपुत्र श्रेष्ठिवर्य
मिश्रीमलजी आप परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पति गुरुदेव श्रीमद्विजय यतीन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के परम गुरुभक्त थें, एवं रतलाम में ____ शास्त्रार्थ 1980 में हुआ था
उस समय प्रत्येक कार्य में पूर्ण रुप सेसमर्पित होकर सहयोग व श्रम किया। आपके एकमात्र पुत्र श्री मोतीलालजी है
यह भी अपने पिताश्री के
पद चिन्हो पर रहकर अपने गुरुदेव श्री की सेवा में समर्पित है।
रतलाम (म. प्र.) निवासी श्रीमोतीलालजी धर्मपत्नि अ.सौ. तारााबाई प्रकाशचन्द्र (एण्डवोकेट) धर्मपत्नि अ. सौ. पुष्पाबाई,
ज्ञानचन्द अ. सौ. विमलादेवी
ऋषभकुमार धर्मपत्निरचनादेवी राजेशकुमार, विमलकुमार, शरदकुमार पियूषकुमारहालमुकाम- इन्दौर
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