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ॐ अर्ह नमः परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पतिसाहित्याचार्य शत्रुजयावतार मालव भूमि का सिद्धाचल श्री मोहनखेड़ा तीर्थ उद्धारक
आचार्य देव श्रीमद्विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी म.सा.
दीक्षा शताब्दी स्मारक गन्ध * प्रकाशन की स्वर्णीम स्मृति में चन्दन वन्दबा बन्दना *
जावरा (म. प्र.) निवासी श्री रुपचन्दजी की खिमेसरा की पुण्य
स्मृति में धर्मपत्नि कंचनबाई सुपुत्र बाबूलालजी धर्मपत्नि अ. सौ. चन्द्रकान्ताबाई.
भंवरलाल धर्मपत्नि अ. सौ. मीनाबाई,
अनोखीलाल अ.सौ. कान्ताबाई पोत्र विरेन्द्रकुमार धर्मपत्नि अ. सौ. साधनाबाई,
मुकेशकुमार धर्मपत्नि अ. सौ. राखीदेवी, सुनीलकुमार, सुभाषकुमार पर पौत्र नीलेश
एवं खिमेसरा परिवार
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