________________
ॐ अहँ नमः परम पूज्य व्याख्यान वाचस्पतिसाहित्याचार्य शंत्रुजयावतार मालव भूमि का सिद्धाचल श्री मोहनखेड़ा तीर्थ उद्धारक
आचार्य देव श्रीमद्विजय यतीन्द्र सूरीश्वरजी म. सा.
दीक्षा शताब्दी स्मारक गन्ध * प्रकाशन की स्वर्णीम स्मृति में वन्दन वन्दन वन्दन *
टीपटूर (कर्नाटक) नगर में सं. 2053 जेष्ठ सुदी 6 गुरुवार दिनांक 23-5-96 को भव्याति भव्य श्री अरनाथजी भगवान का प्रतिष्ठाज्जनशलाका महोत्सव हुआ था। इस महोत्सव में मूलनायक श्री अरनाथ भगवान के माता पिता बनने का, नवकारसी का चढ़ावा बोलनेवालो को
तिलक करने का श्रीफल देकर हार पहिनानेका मूलनायक श्री अरनाथ भगवान के मन्दिरजी पर कायम ध्वजा चढ़ानेका लाभ सर्वोच बोली बोलकर
प्राप्त किया इस पुण्यानुबन्धी पुण्य की स्मृति में
दुजाणा (निवासी) श्री मिश्रीमलजी धर्मपत्नि अ. सौ.धाकूबाई, नरपतकुमारजी, धर्मपत्नि अ. सौ. श्रीमती रेखा,
महेन्द्रकमारजी धर्मपत्नि अ. सौ.सुशीला, मुकेशकुमार धर्मपत्नि अ. सौ. गीता, पुत्री- वीणा, समगीता, करुणाकुमारी पौत्री चि. डिम्पल, मनीषा, खुशबु, स्नेहा, पूजा
बेटा पोता वख्तावरमलजी चमनाजीराणावत फर्म-*महावीर टेक्सटाईल्स, टीपटूर
* महेन्द्र टेक्सटाईल्स, टीपटूर *मिश्रीमलजीराणावत, बैगलोर (कर्नाटक) * केएमंराणावत, बैगलोर (कर्नाटक)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org