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यतीन्द्रसूरी स्मारक ग्रन्थ : व्यक्तित्व - कृतित्व - ९. आटा ही बड़ा है पाटामा मिस किती गावाम र
सभी देवों में प्रत्यक्ष देव है रोटी। ११. जहाँ देखो, भरी परात, वहाँ बैठिये सारी रात। मनात
ऐसी ही अनेक कहावतें और मुहावरे प्रवचन में प्रयुक्त हुए हैं, अनावश्यक विस्तार-भय से हम और देना नहीं चाहते। प्रसंगानुसार कहीं-कहीं अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग भी हआ है, जैसे स्पीच एसोसिएशन सोसायटी कमेटी आदि।
हमारा उपर्युक्त कथन इस बात को प्रमाणित करने के लिए पर्याप्त है कि आचार्य भगवन् एक कुशल प्रवचनकार थे। आपकी इस कुशलता से प्रभावित होकर ही आप को व्याख्यान वाचस्पति अलंकरण से अलंकृत किया गया था। आप जैसे कुशल प्रवचनकार बहुत ही कम देखे गये हैं।
कहा कि का का सवारी कामना काम ਬਲਿ ਜਾਂ ਜੋ ਸਰਕਲ ਬਰੇਨ ਸਰਜਨ
ਸ਼ਰਤ ਬਣ ਕੇ ਸਨਮਾਨਤ ਰਿਦ
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ਇਹ ਇ ਜਾਂਦਾ ।
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