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________________ १२८ له سه سد الله له سه १३९ १४३ परमोपकारी गुरुणीजी महाराज साधवो दीनवत्सला:. मांगलिक का माहात्म्य नागराज का आगमन राग और कलह से छुटकारा प्रेरणा का प्रताप बाधा हट गई विषमुक्त हुआ लकवा ठीक हो गया दामाद स्वस्थ हो गया नागराज का नमन सफेद दाग से छुटकारा पागलपन का पलायन कुंडलिनी शांत हो गई नाम की महिमा महासतीजी का अभिज्ञान चरण-रज का रहस्य मांगलिक के चमत्कार ने चकित किया मैंने स्वास्थ्यलाभ लिया पेट दर्द जाता रहा संस्मरण सुखद दिव्य जीवन की चमत्कारिक घटना नाम का प्रभाव दिव्य सौरभ समता की कसौटी पर खरी ध्यान...."निजी अनुभव अचानक बरसा अमृत फैले कीर्ति चतुर्दिक वाणी का वैभव अनुकम्पा की मूर्ति असीम है आस्था आत्मसाधना का अनूठा आनन्द अज्ञात से अनूठे संकेत दिशा-बोध स्थूल से सूक्ष्म की ओर प्रार्या कंचनकुंवर म. सा. प्रार्या प्रतिभाकुमारी म. सा. चमनलाल कुलभूषणलाल जवरीमल घोड़ावत गोपीचन्द लोढा १३४ सोहनलाल कटारिया १३५ राधेश्याम शर्मा १३६ सहजराम शर्मा १३७ गोवर्धनलाल दर्जी १३८ रामचन्द्र सेवक श्रीमती मुकनराज मेहता श्रीमती मुकनचन्द मेहता उदित प्रकाश कोठारी १४१ उमेश जैन १४२ तरसेन कुमार जैन इन्द्रजीत १४३ महावीर सुराणा १४५ हरकचन्द बेताला १४६ श्रीमती सुशीला बेताला १४७ इन्दरमल १४९ सौभाग्यकुंवर हिंगड़ १५० पुखराज एवं इचरजकुंवर बाई विनायक्या १५३ राजकुमार विनायक्या हर्षदभाई-जयाबेन जैन । १५५ रिखबराज कर्णावत एडवोकेट १५६ श्रीमती इन्द्रकुंवर भण्डारी १५६ बी. एल. नागर १५९ जगदीश शर्मा श्रीमती सावित्रीदेवी पाराशर १६१ दिनेशकुमार शर्मा राजेशकुमार बागरेचा १६३ कमलादेवी रुनवाल १६३ चतरसिंह जैन १६४ गोविन्दराम सिंधी १६५ डॉ. जे. पी. गुप्ता १५४ मन १६० १६२ आई घड़ी अभिनंदन की चरण कमल के वंदन की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
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