SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 35
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अभिनन्दन-गीत डॉ. शोभनाथ पाठक अभिनन्दन-द्वादशी एस. जयसिंह छाजेड़ 'रत्नेश' अर्चनीय से पहचान पुरानी है कमला जैन 'जीजी' महिमामयी महासती के महिमा-कण खुर्शीद 'अजेय' वन्दन-अभिनन्दन प्रो. संजीव प्रचंडिया ‘सोमेन्द्र' कोटि-कोटि अभिनन्दन विज्ञान भारिल्ल भावाभिनन्दन डॉ. श्रीमती कोकिला भारतीय प्रेमांजलि श्रीमती प्रेम मेहता मेरा शत-शत वन्दन हो श्रीमती माया जैन सत्य-अहिंसा की गंगा गोविन्द गुरु कल्याणी से कल्याण की कामना सौ. सीतादेवी शर्मा अभिनन्दन शत बार करें शशिकर 'खटका' राजस्थानी दीक्षा-स्वर्णजयन्ती आई डॉ. नरेन्द्रसिंह पारदर्शी-काव्यांजलि आशुकविरत्न छन्दराज 'पारदर्शी' श्रद्धोद्गार शिरोमणिचन्द्र जैन करुगास्रोत स्विनी मोती काका काव्य-सुमन कुलदीपप्रकाश 'जैन' महासती अर्चनाजी का वन्दन-अभिनन्दन है। हास्यकवि हजारीलाल जैन 'काका' अभिनन्दन है, नत वन्दन है फतेलाल संघवी सहस्रायुर्मय जीवन की सत्कामना महेन्द्रकुमार पाठक भावोद्गार भीमसेन शर्मा किया निरन्तर उत्थान चन्द्रकला पोरवाल वन्दों मन बहुभाव डाड़मचन्द भावसार वन्दना शान्ता धर्मावत महासती श्री 'अर्चना' जी चन्दनमल बनवट मानवता की देवी 'अर्चना' तुम्हें नमन नवरत्नमल नाहर अर्चना-अर्चन खुर्शीद 'अजेय' W WW ० ज GK WW०॥ MCK . ८ आई घड़ी अभिनंदन की चरण कमल के वंदन की Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.012035
Book TitleUmravkunvarji Diksha Swarna Jayanti Smruti Granth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSuprabhakumari
PublisherHajarimalmuni Smruti Granth Prakashan Samiti Byavar
Publication Year1988
Total Pages1288
LanguageHindi, English
ClassificationSmruti_Granth & Articles
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy